नई दिल्ली। नोटबंदी को लेकर संसद न चलने से आहत राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने सांसदों से कामकाज में बाधा न डालने की अपील करते हुए कहा कि सदन की कार्यवाही में व्यवधान डालना बहुमत की आवाज दबाना है।
मुखर्जी ने यहां रक्षा संपदा दिवस पर 'लोकतंत्र की मजबूती के लिए सुधार' विषय पर अपने व्याख्यान में संसद में लगातार जारी गतिरोध गहरी चिंता जाहिर की। उन्होंने सांसदों से कहा, भगवान के लिए आप अपना काम करें। संसद में कामकाज में बाधा डालना स्वीकार्य नहीं है।
उन्होंने कहा कि सांसदों को संसद में विशेषाधिकार हासिल हैं लेकिन कामकाज में बाधा डालने के लिए इनका दुरूपयोग नहीं किया जाना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि संसद के कामकाज में बाधा पहुंचाना बहुमत की आवाज दबाने के समान है क्योंकि अल्पमत ही व्यवधान पैदा करता है जिसके कारण अध्यक्ष के पास कार्यवाही स्थगित करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता।
राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि संसदीय लोकतंत्र में बहस, मतभेद और निर्णय जरूरी हैं लेकिन कामकाज में व्यवधान पूरी तरह से अस्वीकार्य है। संसद से वित्त संबंधी महत्वपूर्ण विधायी कामकाज पूरा करने की अपेक्षा की जाती है। सदस्यों के मतभेद हो सकते हैं और उनके पास अपनी बात रखने का मौका भी होता है।
यदि कोई सदस्य संसद में दूसरे सदस्य पर किसी तरह का आरोप भी लगाता है तो विशेषाधिकारों के चलते उसके खिलाफ किसी कोर्ट में मुकदमा नहीं चलाया जा सकता लेकिन इन विशेषाधिकारों का दुरूपयोग नहीं किया जाना चाहिए।