नई दिल्ली। नोटबंदी को आज एक महीना पूरा हो गया है। मोदी सरकार के इस फैसले का कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं। विपक्षी दल ने आज सुबह संसद परिसर में गांधी जी की मूर्ति के पास नोटबंदी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद समेत कई अन्य नेता भी शामिल हुए।
विपक्षी दल के नेताओं ने काला दिवस मनाया और पार्लियामेंट में काली पट्टी बांधकर आए। संसद में नोटबंदी को लेकर भारी हंगामे किया गया। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बंद करने का फैसला लिया था।
यह साहसिक नहीं मूर्खतापूर्ण फैसला
राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधा। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा- यह साहसिक नहीं मूर्खतापूर्ण फैसला है। नोटबंदी ने मजदूरों और किसानों को बर्बाद कर दिया है। हम बहस चाहते हैं, वोटिंग चाहते हैं लेकिन सरकार ऐसा नहीं चाहती। राहुल गांधी ने कहा- लोकसभा में अगर मुझे बोलने दिया जाए तो मैं सब बता दूंगा कि पेटीएम कैसे “पे टू मोदी” होता है।”
हम चर्चा जारी रखेंगे
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- पता नहीं लालकृष्ण आडवाणी की बातों का सरकार पर कितना असर होगा, लेकिन हम चर्चा जारी रखेंगे। उन्होंने कहा- शुरुआत में प्रधानमंत्री ने 5 दिन मांगे थे, फिर 5 हफ्ते मांगे और अब 50 दिन। यह सही नहीं है, 1 महीने के भीतर स्थिति में 50 फीसदी भी सुधार नहीं हुआ है।
क्या बोले थे आडवाणी
भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने संसद नहीं चलने पर बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष और संसदीय कार्यमंत्री पर गुस्सा निकाला। आडवाणी ने कहा- ना ही स्पीकर और ना ही संसदीय कार्यमंत्री सदन चला रहे हैं। मैं स्पीकर के पास यह कहने जा रहा हूं कि वे सदन नहीं चला रही हैं। मैं इसे सार्वजनिक तौर पर कहने जा रहा हूं। उन्होंने कहा- संसद को अनिश्चित काल तक ही स्थगित क्यों नहीं कर देते?