नई दिल्ली। अदालतों की कार्रवाई शुरू होने पर राष्ट्रगान कराने से सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इनकार कर दिया। एक भाजपा नेता और वकील ने इसके लिए पिटीशन दायर की थी, कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि सिनेमाघरों में राष्ट्रगान को लेकर जारी आदेश को हद से ज्यादा न खींचा जाए।
भाजपा नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने याचिका में देश के सभी सिनेमाघरों में फिल्म से पहले राष्ट्रगान कराने के आदेश के बाद कोर्ट में भी ऐसी व्यवस्था लागू करने की मांग की थी। बेंच ने याचिका पर पहले अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी से राय मांगी।
अटॉर्नी जनरल ने कहा था कि पिटीशनर को इसके लिए बाकायदा आवेदन देना चाहिए था। जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस अमिताव रॉय की बेंच ने कहा, फैसला सही है या गलत इस पर ज्यादा खींचतान न हो। याचिकाकर्ता को कुछ समझदारी दिखानी चाहिए।
यह आदेश दिया था सुप्रीम कोर्ट ने
30 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि देशभर के सभी सिनेमाघरों में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान जरूर बजेगा। इस दौरान स्क्रीन पर तिरंगा नजर आना चाहिए। साथ ही राष्ट्रगान के सम्मान में सिनेमाघर में मौजूद सभी लोगों को खड़ा होना होगा। कोर्ट ने केंद्र सरकार को यह आदेश 10 दिन में लागू करने को कहा है।
दर्शकों ने की थी हूटिंग
बता दें कि कोर्ट ने यह आदेश श्यामनारायण चौकसे की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। चौकसे ने कहा था कि एक बार सिनेमाघर गए थे, फिल्म के दौरान राष्ट्रगान बजा तो वे खड़े हो गए। इस पर दर्शकों ने उनकी हूटिंग की।