नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पहली बार संसदीय दल की बैठक की अध्यक्षता की। इसे साफतौर पर उनके अध्यक्ष बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। सेहत ठीक न होने की वजह से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी इस बैठक में मौजूद नहीं थीं। इस बैठक में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी 'टीआरपी पॉलिटिक्स' में ज्यादा करते हैं। राहुल ने कहा कि मोदी अपनी ही छवि के बंदी हो गए हैं और उनकी वजह से देश को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कश्मीर के मसले पर कहा कि बीजेपी-पीडीपी में अवसरवादी गठबंधन है।
इसके पहले राहुल कांग्रेस की शीर्ष निर्णायक बॉडी कांग्रेस कार्य समिति को संबोधित कर चुके हैं और अब आखिकार कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्षता करने से यह साफ हो गया है कि कांग्रेस की कमान उनके ही हाथ में होगी। वह लोकसभा में नोटबंदी के ऊपर हमलावर कांग्रेसी टीम का नेतृत्व भी कर सकते हैं। उनके नोटबंदी के मसले पर संसद में भाषण देने की पूरी संभावना है।
राहुल गांधी ने कांग्रेस के प्रमुख नेताओं को संबोधित करते हुए कहा, हमारे देश में कभी भी कोई ऐसा प्रधानमंत्री नहीं रहा, जो अपनी पूरी नीति टीआरपी के आधार पर बनाता हो। टीआरपी का मतलब होता है टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट, जिसके आधार पर यह तय किया जाता है कि किस टीवी चैनल को कितने दर्शक देख रहे हैं। राहुल ने कहा, हमारे प्रधानमंत्री की अक्षमता और गुरूर की वजह से देश को भारी नुकसान हो रहा है। नोटबंदी के मसले पर राहुल ने कहा, हमें इसके पहले कभी ऐसा प्रधानमंत्री नहीं देखा, जिसने अपनी छवि बचाने के लिए देशवासियों को इतने जबर्दस्त मुश्किल में डाला हो।
इसके पहले कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेताओं ने दरवाजे पर ही अमेठी से सांसद राहुल गांधी का फूलों के गुलदस्तों के साथ स्वागत किया और उन्हें संसद के सेंट्रल हॉल ले गए, जहां यह बैठक होनी थी। सच तो यह है कि शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले इस दिग्गज पार्टी ने साफतौर से संकेत दे दिया था कि संसद के भीतर पार्टी के कामकाज में उपाध्यक्ष राहुल गांधी की 'अधिकतम' भूमिका होगी।