नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के नौवें दिन सोमवार को भी सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलने में मुश्किल आ रही है। सोमवार को भी सदन शुरू होते ही नोटबंदी के मसले पर हंगामे की भेंट चढ़ गया। विपक्षी दलों के नेता नोटबंदी के मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सदन में बयान देने की मांग कर रहे हैं।
नोटबंदी के मसले पर सरकार के खिलाफ विपक्ष के कई दलों ने कांग्रेस की अगुवाई में जन आक्रोश रैली का आयोजन किया है। पहले इसे भारत बंद बताया जा रहा था, लेकिन कई दलों ने इससे किनारा कर लिया। इसके बाद इसे सिर्फ विरोध प्रदर्शन तक ही सीमित कर दिया गया।
सदन के बाहर बसपा प्रमुख मायावती ने पीएम मोदी पर जवाब देने से भागने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हम नोटबंदी के खिलाफ लगातार प्रदर्शन करते रहेंगे। पीएम मोदी के इस मनमाने फैसले से गरीबों को दिक्कत हुई है।
बड़े नोटों को अमान्य करने के मुद्दे पर विपक्ष की घेराबंदी के बीच गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि हमारी सरकार का यह फैसला कालेधन के खिलाफ जंग है और किसी ने भी इस फैसले की नीयत पर सवाल नहीं उठाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री चर्चा में हस्तक्षेप करने के लिए तैयार हैं।
लोकसभा में गृह मंत्री ने कहा कि यह राष्ट्रहित में लिया गया क्रांतिकारी, साहसिक और गरीबोन्मुखी कदम है और किसी ने भी यह सवाल नहीं उठाया कि यह गलत नीयत से लिया गया है। इस फैसले पर किसी ने सवाल नहीं उठाया। विपक्षी दलों द्वारा प्रधानमंत्री से संसद में बहस के दौरान उपस्थित रहने पर जोर दिये जाने पर गृह मंत्री ने कहा कि अगर विपक्ष चाहता है कि प्रधानमंत्री संसद में आयें, तो प्रधानमंत्री आयेंगे और बहस में हस्तक्षेप करेंगे। उन्होंने कहा कि बड़े नोटों को अमान्य करने का हमारी सरकार का फैसला कालेधन के खिलाफ जंग है।
लोकसभा
नोटबंदी के सरकार के फैसले को लेकर कुछ विपक्षी दलों ने भी लोकसभा में नारेबाजी की और कार्यस्थगित करके चर्चा कराने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बहस के दौरान मौजूद रहकर जवाब देने की मांग की। सरकार ने अश्वासन दिया कि प्रधानमंत्री सदन में आकर चर्चा में हस्तक्षेप करेंगे। हालांकि सरकार के आश्वासन से असंतुष्ट विपक्षी दलों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।
राज्यसभा
राज्यसभा की कार्रवाई शुरू होने के बाद विपक्ष ने काफी हंगामा किया। जिसके चलते आधे घंटे के लिए राज्यसभा स्थगित कर दी गई। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने नोटबंदी पर कहा कि पीएम को आने दीजिए और हमसे सदन के अंदर बात करने दीजिए। कांग्रेसी सांसदों ने संसद परिसर में भी नोटबंदी के खिलाफ प्रदर्शन किया। वहीं मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र संसद से बाहर बड़ी-बड़ी और चौड़ी बातें कर सकते हैं लेकिन उनमें सदन में सवालों के जवाब देने की हिम्मत नहीं है।गौरतलब है कि राज्यसभा में 16 नवंबर को नोटबंदी पर चर्चा शुरू हुई थी जो अभी तक पूरी नहीं हो पाई है।