नई दिल्ली। मोदी सरकार द्वारा 500 और 1000 पुराने नोट बंद करने से कई देशों को लाभ हो रहा है। विशेषज्ञों की माने तो इस फैसले से चीन, अमेरिका, जापान, डेनमार्क समेत कई देशों को फायदा होगा। खासतौर पर उन लोगों को जो आॅनलाइन शॉपिंग और ट्रांजेक्शन के लिए किसी न किसी तरह जरिया बन रहे हैं। देश के दो लाख एटीएम में से सिर्फ 22,500 ही नए नोट दे पा रहे हैं।
चीन को ऐसे होगा फायदा
एटीएम में सॉफ्टवेयर और ट्रे बदलने की जरूरत है। इन मशीनों में जो नए पार्ट्स लगेंगे वे चीन से खरीदे जाएंगे। बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चीन से इनकी खरीद हो चुकी है और पार्ट्स भारत लाए जा रहे हैं। स्टेट बैंक आॅफ इंडिया अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्य ने एक मीडिया संस्थान को बातचीत में ये भी बताया था कि मैग्नेटिक और हार्डवेयर, जिसे मैग्नेटिक स्पेसर और वेज के नाम से जाना जाता है, स्टॉक में नहीं है। जब ये आ जाएंगे तो सभी एटीएम काम करने लगेंगे।
प्रिंटर मशीन का आयात
नोटबंदी के बाद कार्ड स्वैपिंग मशीन के अलावा रसीद प्रिंट करने वाले प्रिंटर की भी डिमांड खूब बढ़ी है। भारत में ज्यादातर ऐसी मशीनों के पार्ट्स या मशीन अमेरिका और चीन से ही आते हैं। अमेरिका की कंपनी इपसॉन की पीओएस प्रिंटर मशीनों का भारत में निर्यात 32 फीसदी बढ़ा है। इसके अलावा, इन मशीनों को बनाने के लिए पार्ट्स चीन से इंपोर्ट किए जाते हैं।
भारत में नोटों की छपाई से इन देशों का फायदा
नोटबंदी के बाद से 500 और 2000 के नए नोट की छपाई खूब हो रही है ऐसे में इसके लिए आवश्यक सिक्युरिटी फीचर्स, इंक और पेपर हमें विदेशों से मंगाना पड़ रहा है। भारत को इसके लिए डेनमार्क से लेकर कुवैत तक सभी की मदद लेनी पड़ रही है।