नई दिल्ली। नोटबंदी को लेकर विपक्ष राज्यसभा में बहस जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी राज्यसभा में मौजूद हैं। विपक्ष का कहना है कि इस फैसले से आम लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसे लागू करने के लिए सही तैयारी नहीं की गई। उधर, लोकसभा में सपा सांसद अक्षय यादव ने कागज फाड़कर टुकड़े स्पीकर पर फेंक दिए।
लोगों पर भारी पड़ेंगे 50 दिन
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि नोटबंदी से जीडीपी में 2 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। नोटबंदी में अमल में काफी अव्यवस्था दिख रही है। बदइंतजामी से लोग परेशानी हैं। पीएम को इस योजना को रचनात्मक तरीके से लाना चाहिए था। पीएम ने लोगों से 50 दिन मांगे हैं, जो लोगों पर भारी पड़ेंगे। आरबीआई और पीएमओ इसे लागू करने में पूरी तरह फेल रहे। आपने ऐसा किस देश में सुना है कि पैसा जमा कराने के बाद निकालने की इजाजत नहीं होती।
छोटे कारोबारियों को हुआ भारी नुकसान
मनमोहन सिंह ने कहा कि नोटबंदी से किसानों और छोटे कारोबारियों को भारी नुकसान हुआ है। इस नोटबंदी के असर को देखने के लिए हमें 50 दिन चाहिए, लेकिन अब तक 50 लोगों की मौत हो चुकी है। आम लोगों को नोटबंदी से तकलीफ हुई है और हर दिन नए नियम बनाना सही नहीं है। पीएमओ इस फैसले को लागू करने में फेल रहा है। इस फैसले के चलते 60 से 65 लोगों की मौत हुई है।
हम प्रधानमंत्री को कब सुनेंगे
राज्यसभा में कांग्रेस के सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा- यह पहली बार हो रहा है कि प्रधानमंत्री खुद नहीं आ रहे। वह इस पर स्टेटमेंट नहीं दे रहे हैं। आपने बिना तैयारी के नोटबंदी लागू की। इससे आम आदमी परेशान है। उन्हें इस पर बयान देना चाहिए। वह सिर्फ बीजेपी के ही नहीं, हमारे भी पीएम हैं। हम प्रधानमंत्री को कब सुनेंगे।
सड़क-संसद में विपक्ष का हंगामा
नोटबंदी पर इस संग्राम में पांच दिन से संसद ठप करने के बाद 12 विपक्षी दलों के करीब 200 सांसदों ने बुधवार को सड़क पर उतर नोटबंदी को लेकर सरकार की घेराबंदी की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर संसद में नोटबंदी से जुड़े सवालों का जवाब नहीं देने का आरोप लगाया। साथ ही विपक्षी दलों ने 28 नवंबर को नोटबंदी से मची खलबली के खिलाफ देश व्यापी विरोध प्रदर्शन का एलान भी किया है।