नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले पर एक तरफ जहां विपक्ष ने जनता की असुविधा का हवाला देकर शीतकालीन सत्र चलना मुहाल कर दिया, दूसरी तरफ मीडिया ने इस फैसले पर जनता की राय जानने के लिए सर्वे करवाए। इन सर्वेक्षणों में जनता काले धन के खिलाफ उठाए गए इस कदम पर परेशानी के बावजूद सरकार के साथ खड़ी नजर आई।
भारत में नोटबंदी को लेकर अमेरिकी अखबार ‘हफिंगटन पोस्ट’ ने सर्वे करवाया, जिसमें 87 फीसदी लोगों ने माना कि इस फैसले से कालाधन रखने वाले प्रभावित हुए हैं। जनता को कुछ दिनों के लिए होने वाली असुविधा के बावजूद कालेधन के खिलाफ यह निर्णय कारगर है। एक अन्य मीडिया सर्वेक्षण में 91.3 प्रतिशत लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी के फैसले का समर्थन किया।
रायशुमारी में शामिल हुए कुल 772 लोगों से पूछा गया था कि नोटबंदी के निर्णय से आप सहमत है या असहमत। इस फैसले पर 91 फीसदी लोगों ने सहमति जताई। इनशॉर्ट्स-इप्सॉस द्वारा किए गए सर्वेक्षण में 82 फीसदी लोगों ने नोटबंदी का समर्थन किया। करीब 84 फीसदी लोगों का मानना है कि सरकार काले धन पर रोक लगाने के लिए गंभीर है। नोटबंदी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के फौरन बाद 8 और 9 नवंबर को यह सर्वे किया गया था। ऐप के जरिए किए गए सर्वे में 2,69,393 लोगों ने भाग लिया था।
एनबीटी-सीवोटर
एनबीटी-सीवोटर के सर्वे में कहा गया है कि पूरे देश में लोग पीएम मोदी के 500 और 1,000 नोट को बंद करने के पक्ष में हैं। पूरे देश में हुए सर्वे से यह बात सामने आई है कि चाहे गांव हो या शहर,नोटबंदी को अपार समर्थन मिल रहा है। लेकिन उसे अमल में लाने में हुई असुविधा पर लोग जरूर नाराज हैं। हालांकि असुविधा के बावजूद अधिकांश लोग इसे झेलने को तैयार हैं। सर्वे के मुताबिक शहरी क्षेत्र के 89.3, ग्रामीण क्षेत्र के 85.3 प्रतिशत लोगों ने नोटबंदी को सही करार देते हुए पीएम मोदी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई है।