नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रेस की आजादी की वकालत करते हुए कहा कि मीडिया पर बाहरी नियंत्रण नहीं होना चाहिए बल्कि उसे आत्मावलोकन करके स्व-नियमन करना चाहिए। मीडिया में सरकार का दखल भी ठीक नहीं है।
पीएम मोदी ने यहां राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर कहा कि मीडिया के क्षेत्र में तेज बदलाव और स्पर्धा के बीच खबरों को उसके वास्तविक अभिप्राय के साथ पेश करना बहुत मुश्किल हो गया है। ऐसी स्थिति में मीडिया को स्व-नियमन करने के लिए आत्मावलोकन करना चाहिए। उन्होंने इस संदर्भ में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के कथन का जिक्र किया कि अनियंत्रित लेखनी बहुत बड़ा संकट पैदा कर सकती है लेकिन मीडिया पर बाहरी नियंत्रण तो तबाही ला सकती है।
पीएम मोदी ने आत्मवलोकन को भी जरूरी करार देते हुए कहा कि कंधार कांड और फिर 26/11 की घटना के बाद भी मीडिया के बड़े अनुभवी लोगों ने आत्म अवलोकन किया था। सरकार के सूचना तंत्र को मजबूत करने में भी पीसीआई की भूमिका हो सकती है। क्योंकि सरकार को भी सूचना की जरूरत रहती है।
बिहार में दो पत्रकारों की हत्याओं के हालिया मामलों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "कोई भी मौत चिंताजनक होती है, लेकिन पत्रकारों को सिर्फ इसलिए जान गंवानी पड़ रही है, क्योंकि वे सच को उजागर कर रहे हैं, इससे मामला और भी गंभीर हो जाता है।