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नोट बदलवाने खुद बैंक पहुंचीं पीएम मोदी की मां- फॉर्म भरकर बदलवाए 4500 रुपए

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Nov 15 2016 12:51PM | Updated Date: Nov 15 2016 3:18PM
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अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन मंगलवार को करंसी बदलवाने के लिए खुद चलकर गांधीनगर के एक बैंक पहुंची। उनके पास 500-500 के 9 नोट थे। उन्होंने फॉर्म भरकर 4500 रुपए मूल्य के पुराने नोटों को एक्सचेंज कराया। मोदी की मां अपने परिवार के सदस्यों के साथ पैसे बदलने पहुंची हैं। उन्होंने ओरियंटल बैंंक से पैसे बदलवाए हैं। इस मामले पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया भी आ गई है। कांग्रेस का कहना है कि देश तो पहले से ही लाइन में लगा था अब पीएम मोदी ने अपनी मां को भी लाइन में लगवा दिया।
 
हीराबेन को कुछ लोग सहारा देकर बैंक के अंदर लेकर गए थे क्योंकि वे ज्यादा देर तक खड़ी नहीं रह सकती। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन को मई 2016 को वाराणसी में नारी जागरण सम्‍मान 2016 से नवाजा गया था। यह सम्‍मान नारी जागरण मैगजीन की ओर से दिया गया। नरेंद्र मोदी के बड़े भाई सोमाभाई दामोदार दास मोदी ने अपनी मां की ओर से यह सम्‍मान लिया था। हीराबेन 96 साल की हैं और सफर करने में उन्हें परेशानी होती है।
 
मई 2016 में ही हीराबेन पहली बार अपने बेटे से मिलने 7-आरसीआर पहुंची थीं। पीएम मोदी ने ही तस्वीरें शेयर करके जानकारी देते हुए लिखा था, मेरी मां गुजरात लौट गईं। काफी लंबे समय के बाद उनके साथ अच्छा वक्त बिताया और वह भी उनके पहली बार आरसीआर आने पर।
गौरतलब है कि इससे पहले कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी नोट बदलने के लिए दिल्ली के एक बैंक में पहुंचे थे।
 
राहुल गांधी गुरुवार को अपने चार हजार रुपए बदलने दिल्ली के संसद मार्ग स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ब्रांच पहुंचे थे। वहां पर मौजूद राहुल गांधी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मीडिया और मोदी को समझ में नहीं आएगा कि आम लोगों को कितनी दिक्कत हो रही है। 
 
राहुल ने कहा था, 15-20 लोगों के लिए सरकार नहीं चलनी चाहिए। सरकार आमजन के लिए चलनी चाहिए। परेशानी आमजन को हो रही है। ये घंटों तक खड़े हैं। मैं यहां अपने 4000 रुपए के पुराने नोट बदलने आया हूं। यहां पर लगी लंबी लाइन को अंदर कर दिया गया। मैं लाइन में खड़ा होना चाहता हूं। ना मीडिया को और ना ही पीएम मोदी को समझ में आएगा कि लोगों को कितनी दिक्कत हो रही है। मेरे लोगों को दर्द हो रहा है। मैं उनके दर्द के लिए यहां लाइन में खड़ा हूं।’
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