नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र में नोटबंदी के मुद्दे को जोर-शोर से उठाने और सरकार को घेरने के लिए रणनीति बनाने के लिए कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल , तृणमूल कांग्रेस और वामपंथी दलों समेत विपक्षी पार्टियों की बैठक संसद भवन परिसर में बैठक शुरू हो गई।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के कक्ष में चल रही बैठक में आजाद के अलावा राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता आनंद शर्मा, माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सचिव डी राजा, तृणमूल कांग्रेस के संदीप बंद्योपाध्याय और डेरेक ओ ब्रायन, राष्ट्रीय जनता दल के प्रेम कुमार गुप्ता, झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुशील कुमार तथा अन्य नेता मौजूद थे।
16 नवंबर से शुरू होगा सत्र
कांग्रेस ने 16 नवंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन राज्यसभा में कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस दे रखा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर अपनी चिरप्रतिद्वंद्वी माकपा से भी समर्थन मांगा है।
कांग्रेस, जनता यू , सपा, बसपा और वामदल समेत तमाम विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कह चुके हैं कि मोदी सरकार ने बिना सोचे-समझे और बगैर तैयारी के यह फैसला लेकर आर्थिक अव्यवस्था का माहौल पैदा कर दिया है जिससे आम लोगों की परेशानी बढ गई है।
PM ने किया जनता का अपमान: ममता
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गरीबों के शांति से सोने वाले बयान की आलोचना करते हुए इसे जनता का अपमान करार दिया है। ममता ने ट्विटर पर श्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा "मेरा विनम्र निवेदन है कि आम लोगों पर इस तरह से प्रहार ना किया जाए। पीएम मोदी ने कल अपनी रैली में कहा कि विमुद्रीकरण के उनके फैसले के बाद गरीब लोग आराम से सो रहे हैं।