नई दिल्ली। भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने के फैसले को लेकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को पीएम मोदी पर निशाना साधा। केजरीवाल ने कहा कि नोट बदलने में बड़ा घोटाला किया गया है और इसकी जानकारी भारतीय जनता पार्टी को पहले ही दे दी गई थी जिससे कि वह अपने धन को बदल सके।
उन्होंने कहा कि जुलाई और सितंबर की तिमाही में बैंकों में सामान्य की तुलना में अधिक पैसे जमा किए गए जिससे साफ पता चलता है कि सरकार ने अपने लोगों को इसकी जानकारी पहले दे दी थी। कालेधन वालों को बीजेपी ने पहले ही सतर्क कर दिया था और अब नोट बदलने के नाम पर लोगों को परेशान किया जा रहा है।
नोट बंद करने के फैसले को वापस लिए जाने की मांग करते हुए केजरीवाल ने कहा कि इससे अर्थव्यवस्था चौपट हो जाएगी। नोटबंदी के नाम पर घोटाले को अंजाम दिया जा रहा है। कालेधन वाले अपना पैसा सोना, संपत्ति और डॉलर में खरीद रहे हैं। डॉलर को दो हजार रुपये के नोट से बदला जा रहा है।
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि मोदी ने आठ नवंबर से पहले अपने 'दोस्तों' को सतर्क कर दिया था। उन्होंने कहा कि हम सीएनबीसी की रिपोर्ट सामने लायेंगे जिससे यह साफ हो जाता है कि जुलाई-सितंबर की तिमाही में सामान्य की तुलना में काफी अधिक पैसा बैंकों में जमा किया गया। आखिर यह पैसा किसका था।
गौरतलब है कि सरकार ने आठ नवंबर की मध्य रात्रि से पांच सौ और एक हजार रुपये के पुराने नोटों का प्रचलन बंद कर दिया था। इन नोटों को बदलवाने के लिए लोगों को 30 दिसंबर तक का समय दिया गया है। इस अवधि में लोग चार हजार रुपये तक के नोट अपनी पहचान बताकर बैंकों और डाकघरों में बदलवा सकते हैं।
खातों में धन जमा करने की कोई सीमा नहीं है लेकिन जमाकर्ता को इसका हिसाब देना पड़ेगा। सरकार के इस फैसले के बाद लोगों को अपने दैनिक खर्चों को चलाने में दिक्कतें आ रही हैं। पिछले तीन दिनों से नोट बदलवाने के लिए बैंकों पर सुबह से ही लाइनें लग रही हैं। एटीएम पर भारी भीड़ की वजह से भी लोग परेशान हो रहे हैं। कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), समाजवादी पार्टी (सपा), वामपंथी और तृणमूल कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है।