नई दिल्ली। काले धन के खिलाफ लगातार आवाज बुलंद करने वाले रामदेव ने 500 और 1000 रुपए के नोट बंद किये जाने के मोदी सरकार के फैसले को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि इससे देश में न केवल आर्थिक शुद्धीकरण का मार्ग प्रशस्त होगा, बल्कि आतंकवाद एवं नक्सलवाद पर अंकुश लगाने में भी मदद मिलेगी।
स्वामी रामदेव ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के 31 मार्च 2016 के आंकड़ों के अनुसार देश में प्रचलित करीब 18 लाख करोड़ रुपए की करेंसी में 86 फीसदी हिस्सा 500 और 1000 रुपए के नोट हैं। इन बड़े नोटों का इस्तेमाल देश के खिलाफ आर्थिक अपराध का षडयंत्र रचने, नोट के बदले वोट ही नहीं बल्कि सांसदों-विधायकों को खरीद-फरोख्त करने तथा घूसखोरी आदि में किया जाता है।
उन्होंने कहा,‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस ऐतिहासिक फैसले से आर्थिक अपराध से लेकर राजनीति के अपराधीकरण पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। इस तरह का ऐतिहासिक फैसला दिखाने का साहस करने के लिए मोदी जी बधाई के पात्र हैं।’’ स्वामी रामदेव ने एक सर्वे के हवाले से कहा कि परिचालन में चल रही करेंसी में 10 से 20 प्रतिशत पाकिस्तान के जाली नोट हैं, क्योंकि भारत जहां से नोट छापने वाली स्याही और मशीन कागज मंगाता है, वहीं से पड़ोसी देश भी स्याही एवं मशीन मंगाता है।
स्वामी रामदेव ने इस फैसले को आतंकवाद और नक्सलवाद पर नकेल कसने वाला करार देते हुए कहा कि इस फैसले का सभी क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और आर्थिक पारदर्शिता आएगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और राजनीतिक दल फंंिडग के जरिये नोट भर रखे हैं। इन नोटों से वोट खरीदे जाने थे।