नई दिल्ली। राहुल गांधी का कांग्रेस अध्यक्ष बनना लगभग तय हो गया है। सोमवार को कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और एके एंटनी ने राहुल की मौजूदगी में कहा कि समय आ गया है अब राहुल गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बन जाना चाहिए। जिसके बाद सभी नेताओं ने इसका समर्थन कर दिया। सर्वसम्मति से कार्यसमिति ने इसके लिए सिफारिश कर दी। राहुल गांधी ने पहली बार कांग्रेस वर्किंग कमेटी की मीटिंग की अध्यक्षता की। तबीयत खराब होने के कारण सोनिया गांधी मीटिंग में नहीं आ पाईं।
सूत्रों के मुताबिक, जब राहुल से अध्यक्ष बनने को कहा गया तो राहुल ने कहा कि मैं तैयार हूं, लेकिन किसी के मन में कोई रिजर्वेशन हो तो प्लीज मुझे बताएं। मैं वरिष्ठ और युवाओं के सामंजस्य के साथ चलना चाहता हूं। यह भी कहा जा रहा है की सोनिया गांधी का स्वास्थ जैसे ही ठीक होगा वो इस बात की घोषणा कर सकती है। लेकिन अगर राहुल गांधी को अध्यक्ष पद का कमान दिया जाता है तो उनके ऊपर जिम्मेदारी का बोझ कुछ ज्यादा ही बढ़ सकता है। बता दें राहुल जैसे ही अध्यक्ष बनेंगे उनके सामने सबसे बड़ी चुनैाती युपी विधानसभा चुनाव होगा।
दरअसल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव सबसे बड़ी परीक्षा होगी। 2017 की शुरुआत में उत्तर प्रदेश में चुनाव होना है। अगर बात करें तो चुनाव से पहले ही राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में जनता के बीच पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन एक बात यह भी है की उत्तर प्रदेश में उनके सामने बीजेपी, सपा, बसपा जो की जीत के लिए अपनी एडी छोटी का जोर लगा रहें हैं।
वैसे अगर नजर डाले तो पिछले कुछ महीनो से कई मुद्दों को लेकर राहुल गांधी केंद्र पर हमला कर चुके हैं। इन मुद्दों में OROP और पूर्व सैनिक की आत्महत्या वाले मामले पर तो उन्हें हवालात भी जाना पड़ा। जहां पहले राहुल के नेतृत्व को लेकर कई सवाल खड़ा किया जाता है वहीं उनके इस आक्रामक रूप ने कांग्रेस में एक नई जान डाल चुकी है। वहीं राहुल की बात करें तो उनके साथ युवा नेताओं की एक बेहतर टीम है लेकिन सवाल यही उठता है क्या राहुल कांग्रेस को मोदी के बयार के आगे लेकर टिके रह पाएंगे।