नई दिल्ली। सूचना एंव प्रसारण मंत्रालय ने हिन्दी टेलीविजन चैनल एनडीटीवी के प्रसारण पर एक दिन की रोक लगा दी है। पठानकोट आतंकवादी हमले की कवरेज में प्रसारण नियमों का उल्लंघन करने पर यह प्रतिबंध लगाया गया है।
एनडीटीवी ने अपने वक्तव्य में कहा कि सरकार के इस फैसले से उसे हैरानी हुई है क्योंकि पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले की समाचार चैनलों और अखबारों की कवरेज एक जैसी ही थी। वास्तव में एनडीटीवी की कवरेज विशेष रूप से संतुलित थी।
उसने कहा कि आपातकाल के काले दिनों के बाद जब प्रेस को बेड़ियों से जकड़ दिया गया था, उसके बाद से एनडीटीवी पर इस तरह की कार्रवाई असाधारण है और वह इस मामले में सभी विकल्पों पर विचार कर रहा है।
क्या है आरोप
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा गठित समिति ने कहा था कि एनडीटीवी ने पठानकोट एयरबेस पर जब आतंकी हमला हुआ था, उस दौरान उसने सामरिक दृष्टि से संवेदनशील महत्वपूर्ण और संवेदनशील सूचनाएं अपने चैनल पर प्रसारित की थीं।
मंत्रालय ने इसके बाद केबल टीवी नेटवर्क नियम के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करते हुए 9 नवम्बर को रात एक बजे से दस नवम्बर रात एक बजे तक पूरे देश में चैनल के प्रसारण या पुनर्प्रसारण पर एक दिन की पांबदी लगाने का आदेश दिया है।
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने की निंदा
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने चैनल के प्रसारण पर रोक लगाने के फैसले की कड़ी निन्दा की ओर आदेश को तुरंत वापस लेने की मांग करते हुए करते हुए कहा कि सरकार के इस कदम से आपातकाल के दिनों की याद ताजा हो गई और यह समाचार माध्यमों पर कड़ी सेंसरशिप लगाने के समान है।
देश में आपातकाल जैसे हालात
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एनडीटीवी के प्रसारण पर रोक लगाने को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह देश में आपातकाल जैसे हालात को दर्शाता है। वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार के फैसले को चौंकाने वाला और अभूतपूर्व करार दिया है।