नई दिल्ली। यूपीएससी की परीक्षाओं के लिए जल्द ही ज्यादा फीस चुकानी होगी। वित्त मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों और विभागों से कहा है कि वे प्रोजेक्ट्स पर जो खर्च कर रहे हैं उस राशि को रिकवार करने के लिए लोगों से अधिक फीस लें। वित्त मंत्रालय ने अगले साल बजट की तैयारियां शुरू कर दी हैं। यह प्रयास उसी के मद्देनजर है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले के कारण पासपोर्ट, लाइसेंस फीस में बढ़ोतरी होने की संभावना है। गौरतलब है कि यूपीएससी जो परीक्षाएं लेता है उसके लिए वह 100 रुपए प्रति पेपर की दर से फीस वसूलता है जबकि इन परीक्षाओं को कराने की लागत काफी ज्यादा है। ऐसे में सरकार को यह घाटा वहन करना पड़ता है।
सभी विभागों से कहा, खुद उठाएं अपना खर्च
इसी तरह देश में कई सेक्टर हैं जिनमें सरकार सब्सिडी देती है। इनमें से एक रेलवे भी है। जहां सरकार को भारी सब्सिडी देनी पड़ती है। एक सरकारी अधिकारी ने बताया, हम चाहते हैं कि सभी मंत्रालय और विभाग स्वयं का खर्च खुद वहन करें और इसीलिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। हालांकि इससे पहले भी इस तरह के कदम उठाने की बात होती रही है लेकिन कहा जा रहा है कि इस बार केंद्र सरकार इस फैसले पर सख्त है और वह खुद इस विषय पर संबंधित मंत्रालयों से बात कर रही है।
अधिकारी ने बताया कि आम जनता को जितनी भी आॅनलाइन सेवाएं मुहैया कराई जा रही हैं उनके लिए सरकारी विभागों को अलग से कंपनियां हायर करनी पड़ती हैं। इस कारण उन्हें उनकी सेवा के बदले बड़ी राशि का भुगतान करना पड़ता है। अधिकारी ने बताया कि लोगों से जितना शुल्क लिया जाता है सरकार को उससे कहीं ज्यादा पैसे का भुगतान कंपनियों को करना पड़ जाता है। इस घाटे की भरपाई हो सके इसलिए शुल्क बढ़ाया जाएगा।
कई सालों से इजाफा नहीं
- यूपीएससी की सिविल परीक्षा के लिए आवेदन: 100 रुपए का आॅनलाइन शुल्क (सरकार का मानना है कि कई सालों से इसमें इजाफा नहीं हुआ है, सरकार को एक परीक्षार्थी के लिए इससे ज्यादा का खर्चा करना पड़ता है।)
- रेलवे की कई आॅनलाइन सेवाओं में भी नहीं बढ़ा है शुल्क (रेलवे ने सब्सिडी देकर इस राशि को कम रखा हुआ है)
- वर्ष 2012 में पासपोर्ट बनवाने के शुल्क में इजाफा किया गया था। उस वक्त यह फीस 1000 रुपए थी जिसे बढ़ाकर 1500 रुपए कर दिया गया था।