नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को विज्ञान भवन में 'मध्यस्ता और प्रवर्तन मजबूत बनाने की राष्ट्रीय पहल' पर आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत डिजिटल क्रांति का अनुभव ले रहा है। यह भारतीय समाज में डिजिटल और आर्थिक खाई को पाटने का काम कर रहा है।
इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि, हमने ई-कोर्ट मिशन के तहत कई कदम उठाए गए और करीब 1000 बेकार नियमों को कानून से हटाया गया है और आर्बिट्रेशन एंड कन्सिलिएशन एक्ट में कई बड़े संशोधन किए गए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे भारत को वैश्विक स्तर पर मध्यस्थता का केंद्र बनाने में मदद मिलेगी।
पीएम ने कहा कि देशभर की अदालतों में लंबित मामलों का डेटा प्रदान करने के लिए एक राष्ट्रीय न्यायिक डाटा ग्रिड स्थापना की गई है। मध्यस्थता और सुलह सहित वैकल्पिक विवाद समाधान के लिए पीएम ने एक स्वस्थ्य प्रणाली तंत्र की सुविधा को विकसित करने की जरूरत पर बल दिया है।
ताकि निवेशकों और व्यावसायियों को अतिरिक्त सुविधा दी जा सके और अदालतों पर लगातार बढ रहे बोझ को कम किया जा सके। पीएम मोदी ने कहा कि कानून स्थिर होना चाहिए लेकिन मूक नहीं।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सरकार बनने से पहले चुनाव प्रचार के दौरान पुराने और अप्रासंगिक कानूनों को हटाने या उनमें संशोधन का वादा किया था।