लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को राज्य में बड़ा झटका लगा है। राज्य में पार्टी की वरिष्ठ नेता और विधायक रीता बहुगुणा जोशी ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। रीता बहुगुणा जोशी को गांधी परिवार, खासतौर पर सोनिया गांधी का करीबी समझा जाता रहा है। बीजेपी में औपचारिक रूप से आने की घोषणा करते समय रीता के साथ बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी मौजूद थे।
बीजेपी में शामिल होन के साथ ही रीता बहुगुणा जोशी ने सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़े खून की दलाली वाले राहुल गांधी के बयान पर सवाल उठाए और पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की जमकर तारीफ की। मोदी की तारीफ करते हुए सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल खड़़ा करने वालों को आड़े हाथों लेते हुए रीता बहुगुणा जोशी ने कहा, खून दलाली जैसे शब्द का उपयोग किया गया। उससे मैं काफी दुखी हो गई। जब सारी दुनिया ने सर्जिकल स्ट्राइक को स्वीकार किया तो कांग्रेस और दूसरी पार्टियों को इसपर सवाल नहीं उठाना चाहिए।
जोशी ने कहा, 27 साल बाद मेरे लिए ये निर्णय लेना कठिन था। 27 साल के राजनीतिक जीवन में 24 साल कांग्रेस को दिए। रीता बहुगुणा जोशी के साथ उनके बेटे मयंक जोशी ने भी बीजेपी का दामन थामा है। रीता बहुगुणा जोशी के कांग्रेस छोड़ने की अटकलें बीते कुछ दिनों से लगाई जा रही थीं और उसपर मुहर लग गई। कांग्रेस के लिए ये एक बड़ा झटका है और ऐसे वक़्त में लगा है जब पार्टी उत्तर प्रदेश में सत्ता का वनवास खत्म होने के सपने संजो रही है।
बीते चंद महीनों में यूपी में कांग्रेस के भीतर जिस तेज़ी से पार्टी की रणनीति बदली है और इस पूरे जोड़-तोड़ के समीकरण में रीता बहुगुणा जोशी हाशिए पर चली गई थीं, ऐसे में उनके लिए पार्टी का छोड़ना एक विकल्प बचा था। कांग्रेस ने सीएम उम्मीदवार के तौर पर शीला दीक्षित को पहले ही उतार दिया है, इसके अलावा राज बब्बर के पास यूपी कांग्रेस की कमान है।
रीता के भाई विजय बहुगुणा भी कांग्रेस से बगावत करने के बाद बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। विजय बहुगुणा उत्तराखंड के सीएम रह चुके हैं, और सीएम पद से हटाए जाने के बाद ही उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का फैसला किया।