नई दिल्ली। नेपाल एक योग शिविर के लिए गए बाबा रामदेव भूकंप का शिकार होने से बाल-बाल बचे। इन भूकंप के झटकों के बीच योगगुरु बाबा रामदेव भी नेपाल में फंस गए हैं। हालांकि राहत की बात ये है कि वे यहां पूरी तरह सुरक्षित हैं। बाबा रामदेव भूकंप के वक्त एक पंडाल में मौजूद थे और उनके वहां से निकलते ही पंडाल गिर गया। एक टीवी चैनल से बातचीत में रामदेव ने बातें बताई।
रामदेव ने बताया, मेरे निकलने के 10 सेकेंडस के बाद ही पंडाल गिर गया और दूसरी तरफ बिल्डिंग दोनों के बीच 10 फीट की दुरी थी। लोगों को चोटें आई और लोग खून से लथपथ थे। अब तक सात बार झटके आ चुके हैं।' मैं गार्डेन में बैठा था वहां जमीनें फटीं और जमीनों से पानी निकल आया है।
ये बहुत बड़ी तबाही हुई है, लोग में दहशत है, हमारा शिविर काठमांडु के सबसे बड़े मैदान में था वहां लोग अब भारी मात्रा में जुट रहे हैं।
रामदेव ने बताया कि उन्होंने जिंदगी में पहली बार इस तरह की तबाही का मंजर देखा। उन्होंने कहा कि मैंने जिंदगी में पहली बार बिल्डिंग गिरते देखी। मेरे सामने दो बिल्डिंग गिरीं। चारों ओर से जोर-जोर से आवाजें आने लगीं। योगगुरु ने बताया कि काठमांडु में तबाही का मंजर पसरा हुआ है।
बता दें कि नेपाल में भूकंप से काफी संख्या में लोगों के मरने की आशंका है। भारत स्थित नेपाली दूतावास ने नेपाल में भूकंप से मरने वालों की संख्या 500 के आसपास बताई है। कई इमारतें जमींदोज हो गईं है, जिनमें कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। नेपाल का कुतुब मिनार कहा जाने वाला भीमसेन टावर भी धराशाई हो गया है। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.9 मापी गई। लोग डर के अपने- अपने घरों से बाहर निकल गए। हिमालय की चोटियों पर भी एवलांच की खबर है।