नई दिल्ली। किसी पुरूष के साथ अफेयर होने का मतलब यह नहीं है कि महिला की असहमति के बावजूद भी शारीरिक संबंध बनाये जाए। दिल्ली की एक अदालत ने एक मामले पर सुनवाई करते हुए यह बात कहीं। अदालत ने शादी के नाम पर लड़की से बार-बार रेप के जुर्म में एक व्यक्ति को 10 साल कैद की सजा सुनाते हुए कहा है कि जब लड़की शारीरिक संबंध बनाने के लिए अपनी सहमति न दे, तो इसे निश्चित रूप से उसकी ना माना जाना चाहिए।
अदालत ने यह भी कहा कि किसी भी महिला की शारीरिक संबंधों के लिए सहमति केवल इस आधार पर तय नहीं की जा सकती कि उसका उस व्यक्ति से लव अफेयर है। दोषी राजीव ने महिला को अपने दोस्त की बर्थडे पार्टी का बहाना बनाकर पहाडगंज के एक होटल में ले गया था। उसने होटल में एक कमरा बुक कर लिया। पुलिस के पास दर्ज शिकायत के मुताबिक, महिला के बार-बार विरोध करने के बाद राजीव ने वहां उसके साथ तीन बार रेप किया। जब वह रोने लगी तो राजीव ने उसे भरोसा दिलाया कि वह उसकी मां से दोनों की शादी के बारे में बात करेगा। बाद में वह अपने वादे से मुकर गया।
इतना ही नहीं मौर्य ने पीडि़त महिला को धमकी दी कि अगर उसने अपने परिवार के किसी भी सदस्य से इस घटना का जिक्र किया तो वह उसे बदनाम कर देगा। इसके बाद वह अपनी मां के साथ पुलिस स्टेशन गई और शिकायत दर्ज कराई। सबूतों के आधार पर एडिशनल सेशन जज कावेरी बावेजा ने आरोपी को सजा सुनाई। अदालत ने मौर्य पर 5 हजार रूपये जुर्माना भी लगाया और कहा कि यह रकम पीडिता को मुआवजे के तौर पर दी जाएगी।