नई दिल्ली। सरकार ने त्यौहारों से पहले रेलवे के करीब 12 लाख कर्मचारियों को उत्पादकता से जुड़ा बोनस देने के प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी। यह बोनस 2014-15 के लिये है और पिछले तीन साल के बराबर ही है। रेलवे की खराब वित्तीय स्थिति के बावजूद बोनस देने का फैसला किया गया है। इस निर्णय के दायरे में 12.58 लाख गैर-राजपत्रित कर्मचारी आएंगे। कर्मचारियों को इस महीने 8,975 रपये तक बोनस मिल सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की हुई बैठक में यह प्रस्ताव स्वीकृत किया गया।
सरकार के अनुसार बोनस से कर्मचारियों को रेलवे की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिये प्रेरित होने की उम्मीद है। बयान के अनुसार, ‘‘इस साल भी कर्मचारियों को 78 दिन के वेतन को उत्पादकता आधारित बोनस के तौर पर दिया जाएगा इससे उम्मीद है कि कर्मचारी भविष्य में रेलवे की वित्तीय स्थिति में सुधार की दिशा में काम करने को प्रेरित होंगे।’’ इससे रेलवे पर 1,030.02 करोड़ रपये से अधिक का वित्तीय बोझ पड़ने का अनुमान है।
पात्र गैर-राजपत्रित कर्मचारियों को उत्पादकता आधारित बोनस के आकलन के लिये वेतन सीमा 3,500 रपये प्रति महीना है। आरपीएफ, आरपीएसएफ कर्मियों को छोड़कर इसके अंतर्गत रेलवे के सभी गैर-राजपत्रित कर्मचारी आते हैं।