नई दिल्ली। इस्पात मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने इस्पात उद्योग से रक्षा क्षेत्र और रेलवे में शून्य आयात की ओर बढ़ने का आभान करते हुए सोमवार को कहा कि स्वदेशी विनिर्माण के लिए घरेलू उद्योग की जरुरत के मुताबिक विशेष इस्पात के उत्पादन पर जोर दिया जाना चाहिए। उन्होंने यहां भारतीय उद्योग परिसंघ(सीआईआई) और इस्पात मंत्रालय की एक संयुक्त कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि इस्पात उद्योग में स्टार्ट-अप के लिए व्यवस्था बनायी जानी चाहिए और इसके लिए निवेशकों तथा उद्योग को एकजुट होना चाहिए। कार्यशाला का प्रमुख उद्देश्य इस्पात आपूर्ति तथा उत्पादन में अंतर और उपलब्ध अवसरों की पहचान के लिए रेलवे तथा रक्षा क्षेत्रों के साथ व्यापक विचार-विमर्श करना है।
प्रधान ने कहा कि एक रणनीतिक पत्र तैयार किया जाना चाहिए जिसमें घरेलू आवश्यकता पूरी करने के लिए इस्पात उद्योग के साथ मिलकर कार्य योजना बनाने के लिए विशेष दीर्घकालिक आवश्यकताओं का उल्लेख किया जाए। उन्होंने कहा कि जापान और कोरिया में मूल्यवर्द्धित इस्पात की लागत बढ़ रही है और भारतीय इस्पात उद्योग के लिए यह अवसर है। इस अवसर पर प्रधान ने इस्पात क्षेत्र के लिए शून्य दुर्घटना कार्य स्थल सुनिश्चित करने के लिए लौहा तथा इस्पात क्षेत्र के लिए सुरक्षा दिशा-निर्देश जारी किये।