नई दिल्ली। भारत ने कश्मीर पर तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन की टिप्पणियों की शनिवार को आलोचना की और अपनी बात दुनिया के सामने रखी। भारत ने एर्दोआन को नसीहत दी है कि वे हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप ना करें। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को लेकर तुर्की के राष्ट्रपति द्वारा दिये गये सभी संदर्भों को भारत खारिज करता है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है जो उससे कभी अलग नहीं हो सकता। एर्दोआन ने शुक्रवार को पाकिस्तानी संसद में अपने संबोधन में कि कश्मीरियों के संघर्ष की तुलना प्रथम विश्व युद्ध के दौरान विदेशी शासन के खिलाफ तुर्कों की लड़ाई से की।
जम्मू-कश्मीर पर एर्दोआन की टिप्पणी के संदर्भ में कुमार ने कहा कि भारत जम्मू-कश्मीर के संबंध में दिये गये सभी संदर्भों को खारिज करता है। वह भारत का अभिन्न अंग है जो उससे कभी अलग नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि हम तुर्क नेतृत्व से अनुरोध करते हैं कि वह भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप ना करे और भारत तथा क्षेत्र के लिए पाकिस्तान से उत्पन्न आतंकवाद के गंभीर खतरे सहित अन्य तथ्यों की उचित समझ विकसित करे। गौर हो कि तुर्की के नेता ने आखिरी बार 2016 में पाकिस्तान का दौरा किया था। तब भी उन्होंने संसद को संबोधित किया था।