नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि सरकार ने शहीदों के परिजनों की मदद के लिए एक ‘भारत के वीर फंड’ नाम से एक निधि बनाायी थी जिसमें पुलवामा हमले के बाद देश की जनता ने इस उत्साह से पैसा जमा किया कि पांच माह में निधि की राशि 12 गुना तक बढ़ गयी। कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने शुक्रवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि यह ‘भारत के वीर फंड’ गृह मंत्रालय के तहत आता है और गत वर्ष 18 जुलाई तक इस निधि में ढाई सौ करोड़ रुपए से ज्यादा जमा हो गये थे लेकिन पुलवामा हमले के शहीदों के परिजन आज भी सरकार के किए वादे की राह देख रहे हैं और उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
शेरगिल ने कहा कि भाजपा सैनिकों की शहादत को भुलाती है और इसका सबसे बड़ा उदाहरण पुलवामा में शहीद हुए सैनिकों के प्रति मोदी सरकार का व्यवहार है। पुलवामा में आज ही के दिन पिछले वर्ष आतंकवादी हमला हुआ था जिसमें 40 जवान शहीद हुए थे और उनकी शहादत पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने खुद को देशभक्त बताते हुए फोटो खिंचवाएं थे। जब इन सैनिकों की चिताएं जल रहीं थीं तो भाजपा के नेताओं में वहां पहुंचने और फोटो खिंचवाने की होड़ मची थी लेकिन अब उनकी शहादत को भुला दिया गया है।
उन्होंने इस संबंध में सैनिक की विधवा संजू देवी तथा अन्य कई का उदाहरण दिया और कहा कि संजू के विधवा होने पर भाजपा नेताओं ने उन्हें 25 लाख रुपये तथा नौकरी देने का वादा किया था लेकिन वादा पूरा होना तो दूर अब तक उन्हें कुछ नहीं दिया गया है। उनके पांच बच्चे हैं अपने अवोध बच्चों के पालन पोषण पति के शहीद होने के बाद उनके लिए कठिन हो गया है।
इसी तरह का दूसरा उदारहण कौशल कुमार रावत की पत्नी हैं, जिनका कहना है कि शहादत के बाद जब उनके पति की चिता जल रही थी तो फोटो खिंचवाने भाजपा के कई प्रमुख नेता पहुंच गये थे और कई वादे किए थे लेकिन अब एक साल हो गया है, अब तक उन्हें न तो 25 लाख रुपए मिले और न ही नौकरी मिली है।
प्रवक्ता ने कहा कि इसी तरह से इस हमले में हरियाणा के हरिसिंह ने देश के लिए जान दे दी। उनके परिजनों को 50 लाख रुपए और नौकरी देने का वादा किया गया लेकिन उन्हें भी कुछ नहीं मिला। उत्तर प्रदेश के कौशल कुमार रावत तथा बृजेश यादव ने पुलवामा में देश के लिए अपनी शहादत दी थी लेकिन सरकार ने उनके परिजनों की भी सुध नहीं ली और वे आज भी दर-दर भटक रहे हैं।