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निर्भया मामला:‘फांसी की सजा के खिलाफ अपील पर 6 माह के भीतर होगी सुनवाई’

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 15 2020 12:49AM | Updated Date: Feb 15 2020 12:50AM
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नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कानूनी दावपेंच के जरिये गुनहगारों की फांसी से बचने की कवायद को ध्यान में रखते हुए मृत्युदंड के मामले में अपील पर छह माह के भीतर सुनवाई शुरू करने का आधिकारिक निर्णय लिया है। शीर्ष अदालत की ओर से शुक्रवार को जारी आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि नई व्यवस्था के मुताबिक अगर उच्च न्यायालय फांसी की सजा की पुष्टि करता है और शीर्ष अदालत इसकी अपील पर सुनवाई की सहमति जताता है तो छह महीने के भीतर मामले को तीन न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा, भले ही अपील तैयार हो या नहीं।

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री इस संबंध में फांसी की सजा सुनाने वाली अदालत को इसकी सूचना देगी और 60 दिनों के भीतर, या जो समय तय होगा, उसके भीतर केस संबंधी सभी रिकॉर्ड शीर्ष अदालत को भेजा जायेगा। सर्वोच्च न्यायाय के इस आधिकारिक आदेश को निर्भया के गुनहगारों की फांसी में हो रही देरी से जोड़कर देखा जा सकता है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने निर्भया के गुनहगारों की फांसी की सजा पर 13 मार्च 2014 को मोहर लगा दी थी, लेकिन शीर्ष अदालत में अपील पर सुनवाई और फैसला आने में करीब पांच साल लग गए थे।

गौरतलब है कि 18 दिसंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने सभी चार गुनहगारों की अपील खारिज कर दी थी। निर्भया मामले की निचली अदालत में सुनवाई त्वरित हुई थी।  निचली अदालत ने एक साल से भी कम समय लेते हुए 10 सितंबर 2013 को फैसला सुना दिया था। उच्च न्यायालय ने भी एक साल से कम समय लिया था, जबकि शीर्ष अदालत में पांच साल लग गए थे। निर्भया के गुनहगार कानून की कमियों का फायदा उठाकर आज भी फांसी की तारीख टलवाने की लगातार कोशिश कर रहे हैं।

 
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