नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केन्द्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने गुरुवार को कहा कि अगर उच्चतम न्यायालय नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के पक्ष में फैसला सुनाता है और इसके बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों को डिटेंशन सेंटर में भेजा जाता है तो इसके खिलाफ जन आंदोलन होना चाहिए। चिदंबरम ने यहां जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय में सीएए और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का समाज पर पड़ने वाले प्रभावों पर कांग्रेस से संबद्ध छात्र संगठन नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित छात्रों की बैठक को संबोधित करने के दौरान यह बात कही।
उन्होंने कहा,‘‘ असम में एनआरसी को लेकर जो असफलता हाथ लगी थी उसका नतीजा सीएए है।’’ उन्होंने कहा,‘‘ नरेन्द्र मोदी सरकार असम में एनआरसी के कारण 19 लाख में से 12 लाख हिन्दुओं की नागरिकता जाने के बाद सीएए लेकर आई है। अगर किसी भी किसी भी मुस्लिम को डिटेंशन सेंटर में भेजा जाता है तो इसके खिलाफ बड़ा जन आंदोलन होना चाहिए।’’ उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर हमला करते हुए कहा कि यह पार्टी झूठा प्रचार कर रही है कि कांग्रेस और वाम दल पाकिस्तान से प्रताडिता हिन्दुओं और सिखों को नागरिकता दिये जाने के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा,‘‘ कांग्रेस अथवा वाम दल के किसी भी नेता ने यह नहीं कहा कि वे पाकिस्तान के प्रताड़ति अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता दिये जाने के खिलाफ हैं। हमारी एक ही मांग है कि यह सभी के लिए समान होना चाहिए।’’