नई दिल्ली। अब राजनीतिक दल अपने उम्मीदवारों का आपराधिक रिकॉर्ड छुपा नहीं सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इसे सार्वजनिक करना अनिवार्य कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि राजनीतिक पार्टियों को यह भी बताना होगा कि उन्होंने बाकी उम्मीदवारों को छोड़कर दागी को ही टिकट क्यों दिया? इस आदेश का पालन न करने को कोर्ट की अवमानना माना जाएगा।
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पार्टियों को ये भी निर्देश दिया है कि अपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को टिकट देने की वजह बताएं। इसके अलावा कोर्ट की तरफ से ये भी कहा गया है कि उम्मीदवारों के क्रिमिनल केस के बारे में पार्टियां स्थानीय अखबारों में भी छपवाएं। साथ ही ये भी कहा है कि उम्मीदवारों के अपराधिक ब्यौरों को वेबसाइट पर भी डालें और इसकी जानकारी चुनाव आयोग को भी दें। वहीं कोर्ट ने मौजूदा अपराधिक मामले वाले जनप्रतिनिधियों पर चिंता जताई है।
कोर्ट ने राजनीतिक दलों को आपराधिक पृष्ठभूमि वाले नेताओं को चुनाव लड़ने के लिए टिकट देना चाहिए या नहीं वाले याचिका पर सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुनाया है। इस मामले पर जस्टिस रोहिंटन नरीमन और एस रविंद्र भट की बेंच ने फैसला सुनाया है।