नई दिल्ली। सरकार ने बड़े बंदरगाहों के रखरखाव तथा परिचालन में तेजी लाने एवं उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए विधेयक लाने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को यहां हुई बैठक में इस आशय के एक प्रस्ताव को मंजूरी देने का निर्णय लिया गया। बैठक के बाद पोत परिवहन मंत्री मनसुख लाल मांडवीय ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नई परिस्थितियों में बंदरगाहों को महत्व को देखते हुए उनके परिचालन को सुचारूयप से संचालित के लिए तत्काल निर्णय लेने की जरूरत होती है और बंदरगाहों से जुड़े फैसलों के लिए ज्यादा देर तक इंतजार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार बजट सत्र के दूसरे चरण में इस संबंध में विधेयक ला रही है।
इसमें बंदरगाहों को स्वायत्त बनाने का प्रावधान होगा तथा अपने काम को तेजी से और अपने अनुकूल करने के लिए बंदरगाह प्राधिकरण खुद फैसला ले सकेंगे। देश के प्रमुख बंदरगाहों को यह स्वायत्तता मिलने के बाद बंदरगाह प्राधिकरण अपने निर्णय खुद और तेजी से ले सकेंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि समुद्री मार्ग से कारोबार करने की दुनिया की पांच हजार साल पुरानी व्यवस्था है। इस लम्बी अवधि के दौरान समुद्र के जरिए बिजनेस करने के तरीके समय समय पर बदले हुए और मजबूत होते रहे हैं।
इसके लिए सरकार की योजना इस विरासत को एक जगह रखकर प्रदर्शित करने की है और इसके लिए ‘हेरिटेज काम्पलेक्स’ बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज की परिस्थितियों में जल परिवहन ज्यादा महत्वपूर्ण है और सरकार इसे देखते हुए बंदरगाहों को स्वायत्त बनाने के लिए जो कदम उठा रही है उससे न सिर्फ लोगों के लिए नौकरियों के ज्यादा अवसर पैदा होंगे बल्कि कारोबारी प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और लॉजिस्टिक दर घटेगी जिससे माल भाड़ा कम होगा और वस्तुओं के दाम भी स्वाभाविकरूप से कम हो जाएंगे।