नई दिल्ली। भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर ने सरकारी सेवाओं में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति को पदोन्नति में आरक्षण के मामले में उच्चतम न्यायालय के हालिया फैसले की समीक्षा के लिए मंगलवार को पुनर्विचार याचिका दायर की। चंद्रशेखर ने न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ के शुक्रवार के उस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है जिसमें कहा गया है कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण का दावा करना मौलिक अधिकार नहीं है।
चंद्रशेखर की ओर से वकील मंसूर अली ने यह पुनर्विचार याचिका दायर की। गौरतलब है कि न्यायालय ने सात फरवरी को अपने फैसले में कहा था कि पदोन्नति में आरक्षण देना या ना देना राज्य सरकार का विशेषाधिकार है और इसके लिए राज्य सरकार को बाध्य नहीं किया जा सकता। यह मामला उत्तराखंड सरकार से संबंधित है।