नई दिल्ली। भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के दावोस में दिये गये बयान को उनकी हताशा का प्रतीक बताया है और कहा है कि वे अपने देश की इतनी खराब हालत के बावजूद दुनिया को गुमराह करने से बाज नहीं आ रहे हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यहां नियमित ब्रीफिंग में दावोस में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के भाषण पर प्रतिक्रिया पूछे जाने पर कहा कि दावोस में खान ने पाकिस्तान के हालात के बारे में बात की और भारत के बारे में भी टिप्पणी की है। उनमें कोई नई बात नहीं है। उनके लहजे से भी हम सब वाकिफ हैं। कुमार ने कहा कि खान की बातें विरोधाभासी और तथ्यात्मक रूप से गलत हैं। यह दर्शाता है कि वह किस कदर हताशा और निराशा की भावनाओं से घिरे हैं। पाकिस्तान को समझना होगा कि वैश्विक समुदाय उनके दोहरे मापदंडों को अच्छी तरह से समझता है। एक ओर वह खुद को आतंकवाद से पीड़ति बताता है और कहता है कि उसके नागरिकों ने भी आतंकवादियों के हाथों जान गंवाई है
जबकि दूसरी ओर वह उन लोगों को पनाह, समर्थन एवं सहयोग देता है जो पड़ोसी देशों में मासूम लोगों का खून बहाते हैं। उन्होंने पूछा कि देश की हालत खराब होने के बावजूद भी आखिर पाकिस्तान उन आतंकवादी संगठनों के विरुद्ध ठोस, निर्णायक एवं सत्यापन योग्य कार्रवाई क्यों नहीं करता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने दिखावे के लिए ही ऐसे निराशाजनक बयान देता है। उसे दुनिया को गुमराह करने वाले बयान देने से बाजÞ आना चाहिए और उनको अपने देश में सक्रिय आतंकवादियों पर लगाम लगानी चाहिए। आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कार्यबल (एफएटीएफ) की अगले माह होने वाली बैठक के बारे में एक सवाल के जवाब में कहा कि यह बैठक बंद कमरे में गोपनीय ढंग से होती है। अगली पूर्ण सत्र बैठक 14 फरवरी से शुरू होगी। कार्यबल पाकिस्तान के प्रदर्शन का आकलन अपने ढंग से करेगा। इस बारे में पहले से कुछ कहना उचित नहीं है।