प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मौलाना जौहर ट्रस्ट लखनऊ एवं मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय रामपुर के नाम से करोड़ो के सरकारी धन व भूमि घोटाले की केन्द्रीय जांच ब्यूरों (सीबीआई) जांच की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर राज्य सरकार तथा ट्रस्ट से 29 जनवरी तक जानकारी मांगी है। याचिका में ट्रस्ट व विश्वविद्यालय के नाम से हड़पे गये सरकारी धन की वसूली की मांग की गयी है। याची का कहना है कि रामपुर के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की जांच में घोटाले व गबन की पुष्टि के बावजूद सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। रामपुर के फैसल खान लाला की याचिका की सुनवाई कर रहे मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति समित गोपाल की खण्डपीठ ने याची से कहा कि ऐसे ही मामलो में शासन व किसानों ने एफआईआर दर्ज कराई है।
जिसकी विवेचना चल रही है। ऐसे में याचिका दाखिल करने का क्या औचित्य है। याची अधिवक्ता का कहना था कि धन के गबन के मामले में आपराधिक कार्रवाई में दण्ड दिया जा सकता है ,लेकिन सरकारी नुकसान की भरपाई नही की जा सकती । इसलिए याचिका में सरकारी धन की वसूली की मांग की गयी है। याचिका में सरकारी धन के गबन की वसूली सपा सांसद कुलाधिपति मोहम्मद आजम खां सहित ट्रस्ट व विश्वविद्यालय से किये जाने तथा समूचे मामले की सीबीआई से जाच की मांग की गयी है।