नई दिल्ली। खुदरा कारोबारियों के शीर्ष संगठन कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आभूषण एवं अन्य कारोबारियों को आयकर विभाग द्वारा भेजे गये नोटिस पर अपील करने की अंतिम तिथि को 31 जनवरी 2020 से बढ़ाने की माँग की गयी है। कैट ने इस संबंध में सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र भेज कर यह आग्रह किया है। उसने नोटिस के जुर्माने की 20 प्रतिशत राशि जमा कराने के लिए कहे जाने का उल्लेख करते हुये वित्त मंत्री से इससे भी राहत दिये जाने की माँग की है।
संगठन ने केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान को एक अलग पत्र भेजकर गहनों पर लगने वाले हॉलमार्क के लिए लागू कानून में भी कुछ बदलाव करने की अपील की है। कैट ने कहा कि नोटबंदी के बाद ज्वेलरी एवं अन्य व्यापारियों ने 08 नंवबर 2016 से 30 दिसंबर 2016 तक जो नकद में बिक्री की थी उसे बैंको में जमा कराया गया था जो लेखा खातों एवं कैश बुक में दर्ज है।
किन्तु आयकर विभाग ने नकद बिक्री को मान्यता न प्रदान करते हुए उक्त धनराशि को ‘अनएक्सप्लेनेड’ मानकर आयकर की धारा 68 एवं धारा 69 के तहत कर योग्य आय में जोड़ दिया और आयकर की धारा 115 बी ई के अंतर्गत 60 फीसदी की दर से आयकर लगाया है और उस पर सरचार्ज भी लगाया गया है।
इसके मद्देनजर अग्रिम कर कम जमा कराये जाने पर ब्याज भी लगाया गया है। इस प्रकार से विभाग द्वारा कुल माँग जमा धनराशि के बराबर हो गई है। लगभग एक महीने पूर्व देश भर में बड़ी संख्या में आभूषण विक्रेताओं एवं अन्य वस्तुओं के व्यापारियों को कर वसूली के नोटिस भेजे हैं जिसके चलते प्रत्येक व्यापारी पर भारी देनदारी बन गयी है। नोटिस पर 31 जनवरी तक अपील करनी है और माँग की गयी राशि का 20 फीसदी हिस्सा भी जमा कराने के लिए कहा गया है।