नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ बयानबाजी को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को हटाये जाने संबंधी याचिका उच्चतम न्यायालय में सोमवार को दायर की गई। वराकी की ओर से दायर याचिका में न्यायालय से अनुरोध किया गया है कि सुश्री ममता बनर्जी को हटाने के लिए राज्य के राज्यपाल को निर्देश दिया जाये। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि संविधान की अनुसूची तीन के तहत शपथ में कहा जाता है कि मुख्यमंत्री भारत की संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ एक बयान नहीं दे सकते। सीएए पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह की मांग करने वाली सुश्री बनर्जी मुख्यमंत्री पद पर कैसे बनीं रह सकती है? शपथ के उल्लंघन के बाद वह अब पद संभालने के योग्य नहीं है। याचिका में बनर्जी के 19 दिसंबर 2019 के बयान को आधार बनाया गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सीएए पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह होना चाहिए।