नई दिल्ली। मुंबई बम धमाकों के आरोपी याकूब मेमन को नागपुर के सेंट्रल जेल गुरूवार को फांसी दे दी गई। सोशल मीडिया पर याकूब मेमन की फांसी को लेकर जहां कुछ हस्तियां राय देने से बच रही हैं, वहीं कुछ नाम ऐसे भी हैं जो इस फैसले पर #YakubHanged के साथ अपने विचार रख रहे हैं।
याकूब की फांसी से दुखी थरूर
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ट्वीट किया है, हमें आतंकवाद से लड़ने के लिए कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए, लेकिन फांसी की सज़ा कभी भी आतंकी हमले को नहीं रोक पाई है। एक और ट्वीट में थरूर ने लिखा कि वह इस केस -विशेष पर टिप्पणी नहीं कर रहे हैं क्योंकि ये काम तो सुप्रीम कोर्ट का है। थरूर ने कहा कि सरकार ने एक इंसान को फांसी पर चढ़ा दिया इससे मैं बेहद दुखी हूं।
हमें इससे कुछ सीखना चाहिए?
वहीं भाजपा नेता किरण बेदी ने ट्वीट में लिखा है - "#YakubHanged के मामले में कानून, न्यायपालिका, कार्यकारिणी और यहां तक की सामाजिक व्यवस्था को भी कुछ ज्यादा ही लंबा खींच लिया गया। क्या हमें इससे कुछ सीखना चाहिए?
'आप' के विश्वास ने किया सलाम
आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास का ट्वीट है "महान देश की महान न्याय व्यवस्था को सलाम, जिसने फिर से यह सिद्ध किया कि न्याय के द्वार हर पहर हर किसी के लिए खुले।
गुल पनाग ने भी रखी अपनी राय
आम आदमी पार्टी की एक और नेता और कलाकार गुल पनाग इस मामले पर खुल कर अपनी राय रख रही हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'क्या अब मृत्यु दंड पर सभ्य तरीके से बहस की जा सकती है? या फिर हमें एक 'हाई प्रोफाइल' केस का इंतज़ार करना होगा?
दिग्विजय बोले...
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा- याकूब की फांसी पर सरकार, न्यायपालिका ने त्वरित कदम उठा कर मिसाल पेश की है। उम्मीद है कि सारे मामलों में जाति, धर्म से ऊपर उठ कर इसी तरह से फैसले होंगे। संदेह है बाकी केसों में इतनी तेजी से काम होगा। सरकार और न्यायपालिका की साख दांव पर है।
फांसी पर सपा नेता को भी अफसोस
सपा नेता अबू आजमी ने कहा- याकूब की फांसी पर अफसोस है। याकूब खुद चल कर आया था, खुद सरेंडर किया था। रॉ अफसर बी रमण का ऑर्टिकल पढ़ने के बाद मुझे लगता है कि यह गलत हुआ। हमें सोचना होगा कि दाऊद और याकूब ने बम ब्लास्ट क्यों कराए? इसकी बात भी होनी चाहिए। सरकार तमाशा देखती रही। एक्शन या रिएक्शन दोनों ठीक नहीं है लेकिन एक्शन पर आज तक सजा नहीं हुई और रिएक्शन पर फांसी हो गई।