नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के लाखों कार्यकर्ता राफेल के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय में मुंह की खाने के बावजूद कांग्रेस के नेता राहुल गांधी की ओर से देश भर में इस मुद्दे को लेकर झूठ बोलने के खिलाफ शनिवार को हर जिले में धरना-प्रदर्शन करेंगे और गांधी से क्षमा याचना करने की मांग कहेंगे। भाजपा के महासचिव भूपेन्द्र यादव ने आज यहां पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के राफेल मुद्दे पर निर्णय के आलोक में भाजपा के कार्यकर्ता कल देश भर में जिला स्तर पर धरना-प्रदर्शन करेंगे और कांग्रेस पार्टी एवं गांधी से उनके झूठ के लिए माफी मांगने की मांग करेंगे। यादव ने कहा कि कल देश की सर्वोच्च अदालत ने राफेल मुद्दे पर दायर सभी पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया। इससे पहले दिसंबर 2018 में भी उच्चतम न्यायालय ने राफेल सौदे को सही ठहराया था।
न्यायालय ने तब सौदे की निर्णय प्रक्रिया, कीमत और ऑफसेट पार्टनर के चुनाव की पूरी प्रक्रिया की पड़ताल की थी और स्पष्ट कहा था कि राफेल सौदे में कोई अनियमितता नहीं हुई है। कल के निर्णय से एक बार पुन: सत्य की विजय सुनिश्चित हुई है। इससे एक बार फिर यह भी साबित हो गया है कि गाँधी ने देश को बदनाम करने और हमारे लोकप्रिय एवं ईमानदार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि को धूमिल करने के लिए झूठ की राजनीति का सहारा लिया था। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य का विषय है कि कांग्रेस पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष गाँधी द्वारा सार्वजनिक जीवन में लगातार झूठ बोला गया है। यह भी पहली बार हुआ है कि किसी राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष को उच्चतम न्यायालय में झूठ बोलने के लिए माफीनामा देना पड़ा। रस्सी जल गई लेकिन बल नहीं गया, ऐसा ही कुछ हाल कांग्रेस पार्टी और गाँधी का है।
यादव ने कहा कि पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज करने के उच्चतम न्यायालय के निर्णय से भ्रष्टाचार मुक्त एवं पारदर्शी मोदी सरकार की साख में और वृद्धि हुई है। मोदी के नेतृत्व में पहली बार किसी सरकार ने देश की सुरक्षा, सैन्य बलों के आधुनिकीकरण और इसके लिए आवश्यक उपकरणों तथा तकनीकों की उपलब्धता के लिए इतने बड़े कदम उठाये हैं लेकिन दुर्भाग्य की बात यह कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर भी कांग्रेस पार्टी और राहुल गाँधी द्वारा लगातार झूठ बोला जा रहा है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि लोकतंत्र में वैचारिक लड़ाई हो सकती है लेकिन जब कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टी और उसके अध्यक्ष झूठ की राजनीति पर उतर आते हैं, तब उसे बेनकाब करने जनता को आगे आना पड़ता है। हमारा मानना है कि लोकतंत्र में लोक-लाज का खयाल रखा जाना चाहिए।