नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने एक साथ तीन तलाक कहकर संबंध विच्छेद करने को दंडनीय अपराध बनाने संबंधी कानून की संवैधानिक वैधानिकता को चुनौती देने वाली एक नयी याचिका पर केंद्र सरकार को बुधवार को नोटिस जारी किया। न्यायमूर्ति एन वी रमन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) की नई याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा।
साथ ही इस याचिका को मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम 2019 को चुनौती देने वाली अन्य याचिकाओं के साथ सम्बद्ध कर दिया। एआईएमपीएलबी और कमाल फारुकी की याचिका में कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है। शीर्ष अदालत ने अगस्त 2017 में ‘तलाक, तलाक, तलाक’ कहकर संबंध विच्छेद करने की परंपरा को गैरकानूनी करार दिया था। इससे संबंधित विधेयक संसद ने 30 जुलाई को पारित किया था।