मुंबई। वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने सूक्ष्म, लघु एवं मझौले उद्यमों को वित्त उपलब्धता सुनिश्चित करने पर जोर देते हुये कहा है कि एमएसएमई को इसकी बहुत जरूरत है। ठाकुर ने सोमवार को देर शाम यहां सार्वजनिक क्षेत्र के यूनियन बैंक आफ इंडिया के 101वें स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि बैंकों को उन ग्राहकों पर ध्यान देना चाहिए जिन्हें कारोबार बढ़ाने के लिए वित्तीय सहायता की आवश्यकता की है। उन्होंने एमएसएमई को अर्थव्यवस्था का आधार बताते हुये कहा कि इस क्षेत्र को बैंकों से काफी सहायता की जरूरत है। इस मौके पर उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र में किए गए सुधारों का उल्लेख करते हुये कहा बैंकों को दुरूस्त करने के लिए चार ‘आर' की नीति अपनायी गयी है जिसमें पहचानना, उसका समाधान, वसूली, पूंजी डालना और सुधार शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि इसकी वजह से बैंकों का जोखिम में फंसा ऋण मार्च 2018 में 10.36 लाख करोड़ रुपए से इस वर्ष मार्च में घटकर 9.38 लाख करोड़ रुपए पर आ गया। सरकारी बैंकों का एनपीए 8.96 लाख करोड़ रुपए से घटकर 7.9 लाख करोड़ रुपए पर आ गया। इस अवसर पर वित्त सचिव राजीव कुमार ने कहा कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया उपभोक्ता के लिए नए उत्पाद लाने में आगे रहा है और इसके साथ ही वह अब बैंकिंग उद्योग में प्रमुख स्थान हासिल करने की ओर आगे बढ़ रहा है। बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजकिरण राय ने कहा कि उनके बैंक ने उद्यमियों, व्यापारियों, किसानों, विद्यार्थियों और नए मध्य वर्ग के सपनों को पूरा करने के साथ ही समाज के कमज़ोर वर्गों के सपनों को भी साकार किया है। सौ साल के सफर में बैंक ने समाज के उत्थान, समुदाय सेवा और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं की पूर्ती के लिए कई सार्थक कदम उठाए हैं। बैंक अब नए भारत में सबसे ज्यादा पसंदीदा बैंक है।