गांधीनगर। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने रविवार को कहा कि वैश्विक विकास का एक नया कीर्तिमान प्रस्थापित करने के संकल्प के साथ महत्वाकांक्षी और दुनिया का पहला सीएनजी टर्मिनल भावनगर में बनाने के लिए राज्य सरकार ने मंजूरी प्रदान कर दी है। रूपाणी ने इस प्रोजेक्ट की विस्तृत जानकारी देते हुए आज कहा कि ब्रिटेन स्थित फोरसाइट समूह और मुम्बई के पदमनाभ मफतलाल ग्रुप के सहयोग से 1600 करोड़ के पूंजीनिवेश द्वारा सीएनजी पोर्ट टर्मिनल भावनगर बन्दरगाह पर आकार लेगा। मुख्यमंत्री जीआईडीसी के अध्यक्ष भी हैं। इस प्रस्ताव को गुजरात सरकार तथा गुजरात इंफ्रास्ट्रक्चर बोर्ड ने मंजूरी प्रदान कर दी। विश्व के इस सर्वप्रथम सीएनजी टर्मिनल की सीएनजी क्षमता वार्षिक 1.5 मिलियन मीट्रिक टन होगी। इस सीएनजी टर्मिनल को स्थापित करने के लिए गुजरात मेरीटाइम बोर्ड और लन्दन स्थित फोरसाइट ग्रुप के बीच 2019 वाइब्रेंट समिट में एमओयु किया गया था।
गुजरात में फिलहाल दो एलएनजी टर्मिनल दहेज और हजीरा में कार्यरत हैं। अब इस प्रथम सीएनजी टर्मिनल की मंजूरी के चलते गुजरात सीएनजी और एलएनजी दोनों के टर्मिनल वाला देश का एकमात्र राज्य होने का गौरव भी प्राप्त करेगा। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में गुजरात मेरीटाइम बोर्ड के हाथ में भावनगर बन्दरगाह का संचालन है और वार्षिक तीन मिलियन मीट्रिक टन कार्गो का परिवहन होता है। भावनगर बन्दरगाह के उत्तर की ओर बन्दरगाह की सुविधाओं में भारी परिवर्तन किया जाएगा। इसमें पोर्ट बेजिन के लिए चैनल ड्रेजिंग के साथ ही दो लॉकगेट्स, किनारे पर सीएनजी के परिवहन के लिए अंतर्ढांचागत सहित कई सुविधाएं विकसित की जाएंगी। कम्पनी द्वारा भावनगर बन्दरगाह पर कार्गो वहन के लिए रो-रो टर्मिनल, लिक्विड टर्मिनल और कंटेनर टर्मिनल विकसित किये जाएंगे। यह टर्मिनल कार्यरत हो जाने पर भावनगर बंदरगाह के कार्गो की वहन क्षमता वार्षिक नौ मिलियन मीट्रिक टन हो जाएगी जिसमें से छह मिलियन मट्रिक टन इस प्रोजेक्ट का होगा।
रूपाणी ने कहा कि ब्रिटेन तथा गुजरात स्थित पदमनाभ मफतलाल ग्रुप द्वारा बनाये गए कॉन्सोर्टियम द्वारा प्रथम चरण में 1300 करोड़ और दूसरे चरण में 600 करोड़ मिलाकर स्वीस चैलेंज रूट के माध्यम से कुल 1900 करोड़ का पूंजीनिवेश होगा। इस प्रस्ताव को भी राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है। शीघ्र ही राज्य सरकार की बूट पॉलिसी 1997 के अंतर्गत स्वीस चैलेंज की प्रक्रिया शुरु की जाएगी। इसके बाद जीएमबी और कम्पनी के बीच सिलसिलेवार कन्सेशन एग्रीमेंट होगा। फोरसाइट ग्रुप और पदमनाभ मफतलाल ग्रुप द्वारा इस टर्मिनल की स्थापना के लिए आवश्यक पूर्व अमलवारी के लक्ष्य जैसे कि प्री-फिजिबिलिटी प्रोजेक्ट रिपोर्ट, साइट सलेक्शन स्टडी, गैस सप्लाय एग्रीमेंट तथा सीएनजी वेसल डवलपमेंट स्टडी वगैर पूर्ण कर लिए गए हैं। इस पोर्ट तक ब्रोडगेज रेलवे और नेशनल हाईवे जुड़े हुए हैं जिससे अब विकसित किए जा रहे धोलेरा स्पेश्यल इनवेस्टमेंट रीजन के साथ ही इस टर्मिनल का लाभ देश के उत्तर और पश्चिम सिरों के माल परिवहन को मिलेगा। इस प्रकार समग्रतया टर्मिनल बंदरगाह कार्गो परिवहन के लिए मील का पत्थर साबित होगा। राजतंत्र के समय कार्गो परिवहन से गतिशील भावनगर के बन्दरगाह की शानोशौकत इस प्रोजेक्ट द्वारा फिर से आएगी।