नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय भूमि अधिग्रहण कानून में मुआवजे से संबंधित प्रावधानों की वैधता की सुनवाई करने वाली संविधान पीठ से न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा को अलग करने के अनुरोध पर अगले बुधवार को आदेश सुनायेगा। न्यायमूर्ति मिश्रा, न्यायमूर्ति इन्दिरा बनर्जी, न्यायमूर्ति विनीत सरन, न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति एस रवीन्द्र भट्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने इस संबंध में किसान संगठनों और दूसरे लोगों के आवेदन पर सुनवाई पूरी की।
इन सभी ने अनुरोध किया है कि न्यायमूर्ति मिश्रा को इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लेना चाहिए। किसानों के संगठन सहित कुछ पक्षकारों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने न्यायिक नैतिकता के आधार पर न्यायमूर्ति मिश्रा से सुनवाई से हटने का अनुरोध करते हुए कहा है कि संविधान पीठ उस फैसले के सही होने के सवाल पर विचार कर रही है जिसके लेखक वह खुद हैं।