पटना। पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में इस दशहारा भी असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक 'रावण वध' किया जाएगा। इस बार और साल की अपेक्षा ज्यादा आतिशबाजी नहीं की जाएगी। पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में 63 वर्षों से पुरानी परंपरा के मुताबिक रावण वध के कार्यक्रम को लेकर जिला प्रशासन और दशहरा कमेटी के कार्यकर्ताओं ने पूरी तैयारी कर ली थी। लेकिन 8 अक्टूबर को होने वाले रावण वध के कार्यक्रम से पहले ही रावण का पुतला धराशाई होकर चारों खाने चित हो गया।
दिन में ही कारीगरों ने रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतला को खड़ा कर दिया था. रावण का पुतला खड़ा होते ही उसी समय झुक गया था। इसी बीच, मजदूरों ने काम करना शुरू ही किया ही था कि शाम के अंधेरे में रावण का पुतला गिरने की खबर आई। पूरे महकमे में हड़कंप मच गया लेकिन अच्छी बात यह रही रावण का पुतला गिरने से काम कर रहे कई मजदूर बाल-बाल बच गए और जान-माल की कोई क्षति नहीं हुई।