नई दिल्ली। इंसास रायफल और एके 47 की गोलियों को झेलने में सक्षम बुलेट प्रूफ जैकेट का देश में उत्पादन शुरु हो गया है जो अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता से भी बेहतर है। खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने शुक्रवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय मानक ब्यूरों ने बुलेट प्रूफ जैकेट के लिए मानक तैयार किया है जिसमें इसकी गुणवत्ता अंतरराष्ट्रीय स्तर से बेहतर पायी गयी है। इसकी गुणवत्ता अमेरिका, इंगलैंड और जर्मनी के बराबर है। उन्होंने बताया कि इस जैकेट का मूल्य आयातित जैकेट से आधा है और विदेश से निर्यात के आदेश भी मिल रहे हैं। पहले बुलेट प्रूफ जैकेट में लोहे के प्लेट का उपयोग होता था जिससे वह दस से बीस किलो वजन का हो जाता था।
देश में तैयार किये जा रहे जैकेट में बोरोन कार्बाइड के प्लेट का उपयोग किया जा रहा है जिससे इसका वजन पांच से दस किलो के बीच है। यह जैकेट कमर से गर्दन तक की सुरक्षा करता है। इसे कुछ सेकेंड में शरीर से अलग किया जा सकता है। पासवान ने बताया कि नीति आयोग और गृह मंत्रालय ने भारतीय मानक ब्यूरों को जैकेट का मानक तैयार करने को कहा था। इसके बाद रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों के सहयोग से जैकेट का मानक तैयार किया गया। इस जैकेट में सुरक्षा के छह परत हैं जो इंसास रायफल, एसएलआर और एके 47 की गोलयों को रोकने में सक्षम है। मेक इन इंडिया के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की दो कम्पनियों में इसका उत्पादन किया जा रहा है और एक निजी कम्पनी ने भी इसमें दिलचस्पी दिखायी है। उन्होंने कहा कि इससे काफी लोगों को रोजगार मिलेगा और सुरक्षा बलों की मांगे पूरी की जा सकेगी।