नई दिल्ली। वायु सेना प्रमुख राकेश कुमार भदौरिया ने पांचवी पीढी के लड़ाकू विमान की विदेश से खरीद की संभावनाओं को सिरे से खारिज करते हुए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा बनाये जा रहे मध्यम श्रेणी के स्वेदशी उन्नत लड़ाकू विमान की पुरजोर वकालत की है। पांच दिन पहले ही वायु सेना की बागडोर संभालने वाले एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने शुक्रवार को वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वायु सेना सरकार की मेक इन इंडिया पहल के अनुरूप स्वदेशीकरण के प्रति कटिबद्ध है और आने वाले समय में स्वदेशी उत्पाद तथा प्लेटफार्म वायु सेना की रीढ बनेंगे।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि डीआरडीओ द्वारा बनाये जा रहे पांचवीं पीढी के विमान को लेकर सभी संभव प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारी प्राथमिकता में है लेकिन इसके लिए बजटीय आवंटन की जरूरत होगी। साथ ही उन्होंने कहा कि पांचवीं पीढी के विमान का आयात नहीं किया जा रहा और निकट भविष्य में भी ऐसा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अभी इसके बारे में किसी भी देश के साथ कोई बातचीत नहीं की जा रही। वायु सेना प्रमुख ने कहा कि स्वदेशीकरण और आधुनिकीकरण पर पूरा बल दिया जायेगा। उन्होंने कहा ,‘‘ हम यह सुनिश्चित करेंगे कि स्वदेशी उत्पादों पर जोर रहे और विदेशों से आयात पर निर्भरता कम हो। ’’
देश में ही बने तेजस मार्क 1 ए श्रेणी के 83 विमानों की खरीद के लिए जल्द ही आर्डर दिया जायेगा। इसकी कीमत के बारे में बात करने वाली समिति अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है लेकिन इसकी रिपोर्ट जल्दी ही आने वाली है। उन्होंने कहा कि इन विमानों की कीमत बढ सकती है। आने वाले समय में मार्क 2 विमान भी तैयार हो जायेंगे और वायु सेना उन्हें बेडे में शामिल करेगी। वायु सेना 114 लड़ाकू विमानों की खरीद की प्रक्रिया को भी आगे बढा रही है। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि 38 पिलेटस विमानों के बजाय एच टीटी -40 बेसिक ट्रेनर विमान को वायु सेना के बेड़े में जरूर शामिल किया जायेगा।