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कश्मीर पर तुर्की एवं मलेशिया के बयान खेदजनक

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 4 2019 7:42PM | Updated Date: Oct 4 2019 7:57PM
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नई दिल्ली। भारत ने जम्मू-कश्मीर को लेकर तुर्की और मलेशिया के हाल के बयानों पर गहरा खेद व्यक्त करते हुए शुक्रवार को कहा कि भारत के आंतरिक मामलों पर ये टिप्पणियां अवांछित हैं और उन्हें मित्र देश के बारे में ऐसे बयानों से बचना चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यहां नियमित में कहा कि तुर्की के साथ भारत के मैत्री पूर्ण संबंध हैं और इसलिए हमें बहुत खेद है कि छह अगस्त के बाद से तुर्की सरकार की ओर से बार-बार बयान आये हैं। मलेशिया से भी भारत के बहुत अच्छे संबंध हैं। मलेशिया सरकार को भी हमारे मित्रवत संबंधों का ध्यान रखना चाहिए और ऐसे बयानों से बचना चाहिए। कुमार ने जम्मू-कश्मीर पर भारत के पक्ष को दोहराते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर ने भी अन्य रियासतों के समान भारत में विलय के पत्र पर हस्ताक्षर किये थे। 

पाकिस्तान ने हमला करके जम्मू-कश्मीर के एक हिस्से पर कब्जा कर लिया था। उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुई गतिविधियां पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है और इसमें किसी तीसरे देश की कोई भूमिका नहीं है। इसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय एवं संयुक्त राष्ट्र ने भी माना है। उन्होंने कहा, ‘‘ हम एक बार फिर तुर्की की सरकार का आव्हान करते हैं कि वह इस विषय पर कोई भी बयान देने के पहले जमीनी स्थिति को पूरी तरह से समझे।’’ मलेशिया के बारे में उन्होंने कहा कि भारत के मलेशिया के साथ मैत्री पूर्ण संबंध हैं और हाल के दिनों में ये संबंध और मजबूत हुए हैं। इसलिए हमें प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद की टिप्पणियों से बहुत हैरानी एवं खेद हुआ। उन्होंने दोहराया कि ये बयान तथ्यों पर आधारित नहीं हैं और तथ्यों के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और हममें से हरेक सबके सामने रख चुके हैं।

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