28 Mar 2024, 17:24:05 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
news » National

सुप्रीम कोर्ट ने नहीं दी मंदिर की पुनर्स्थापना की मंजूरी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 4 2019 1:21PM | Updated Date: Oct 4 2019 1:21PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने राजधानी के तुगलकाबाद में  ढहाए गए रविदास मंदिर के पुनर्स्थापना की आज मंजूरी नहीं दी। शीर्ष  अदालत ने हालांकि याचिकाकर्ताओं - हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक  तंवर, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन और कांग्रेस नेता राजेश लिलोठिया -  को सलाह दी कि वे एटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल के साथ बैठकर मशविरा करें  और यदि किसी वैकल्पिक स्थल पर सहमति बनती है तो उसे लेकर उसके पास आएं। न्यायमूर्ति  अरुण कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने उसी स्थान पर मंदिर पुन:  स्थापित करने का आदेश देने से इंकार कर दिया। न्यायालय ने कहा, "हम इसे फिर  से स्थापित करने का आदेश नहीं दे सकते क्योंकि यह मामला अब समाप्त हो चुका  है।" खंडपीठ ने कहा कि अब संभावित वैकल्पिक स्थल की पहचान की जाए और  उसे बताएं। न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा, हमें वैकल्पिक स्थल पर विचार करके  बताइए, देखते हैं, हम क्या कर सकते हैं।" उन्होंने कहा कि न्यायालय इस धरती के हर व्यक्ति की भावनाओं का सम्मान करते हैं। लेकिन अब वहां फिर से मंदिर नहीं बनाया जा सकता।" मामले की सुनवाई की अगली तारीख 18 अक्टूबर मुकर्रर की है।
 
याचिकाकर्ताओं ने मंदिर के पुनर्निर्माण की मांग की है।
इनकी  याचिकाओं में कहा गया है कि पूजा का अधिकार संवैधानिक अधिकार है, ऐसे में  मंदिर का पुननिर्माण कराने के साथ दोबारा मूर्ति स्थापित की जाए। याचिका  में कहा गया है कि मंदिर 600 साल से भी ज्यादा पुराना है, लिहाजा इस पर  नए कानून लागू नहीं होते। याचिका में पूजा के अधिकार और अनुच्छेद 21ए का भी  हवाला दिया गया है। याचिका में कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय ने कभी  मंदिर तोड़ने का आदेश नहीं दिया, बल्कि उसे शिफ्ट करने की बात कही थी और  जिस तरह से मंदिर को तोड़ा गया वह बड़ी साजिश का हिस्सा है। शीर्ष अदालत  के आदेश पर ही गुरु रविदास मंदिर को ध्वस्त किया गया था। उसने गत नौ अगस्त  को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को ढांचा गिराने का निर्देश दिया था।  शीर्ष अदालत के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए डीडीए ने 10 अगस्त को मंदिर  ध्वस्त कर दिया था।
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »