नई दिल्ली। देश भर में संशोधित मोटर वाहन अधिनियम को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी शासित कुछ राज्यों समेत अधिकांश विपक्ष शासित राज्यों ने इस कानून को अपने राज्यों में अब तक लागू नहीं किया है जबकि जिन राज्यों में यह कानून लागू है वहां ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर वाहन चालकों से भारी-भरकम जुर्माना वसूला जा रहा है। केरल सरकार ने सोमवार को जुर्माने के संबंध में केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है जबकि तेलंगाना सरकार ने इसे राज्य में नहीं लागू करने का फैसला किया है।
केरल के परिवहन मंत्री ए के ससीन्दरन की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में सभी उपायों एवं विकल्पों पर विचार विमर्श के बाद केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से यह स्पष्टीकरण पूछा गया कि क्या राज्य सरकार जुर्माने की राशि को घटा सकती है। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि केंद्रीय मंत्रालय की ओर से जवाब मिलने तक राज्य में इस कानून को लागू नहीं किया जाएगा। केरल में नए नियमों के तहत पहले तीन दिन जुर्माना किया गया। इसके बाद जनता और ट्रेड यूनियनों के विरोध के बाद इस पर रोक लगा दी गई है।
तेलंगाना राष्ट्र समिति नीत तेलंगाना सरकार ने भारी जुर्माने वाले इस कानून को नहीं लागू करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने विधानसभा में घोषणा की कि इसके स्थान पर राज्य सरकार अपना कानून लागू करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार पुराने कानून में कुछ बदलाव करना चाहती है तब तक पुराना कानून ही लागू रहेगा। भाजपा नीत उत्तराखंड सरकार ने गत बुधवार को संशोधित अधिनियम को जुर्माने में कटौती के साथ अपनाने का फैसला किया है। राज्य मंत्रिमंडल ने फैसला किया कि अगर कोई अनाधिकृत व्यक्ति वाहन चलाते पकड़ा जाए तो उस पर 2,500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा, जबकि केंद्र ने 5,000 रुपये का जुर्माना प्रस्तावित किया था।
उधर भाजपा नीत एक अन्य झारखंड सरकार ने नए कानून के तहत भारी भरकम जुर्माने से तीन माह तक राहत देने का फैसला किया है। इस दौरान पुराने कानून के तहत ही कार्रवाई होगी। गत शुक्रवार को हुई बैठक में झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि तीन माह तक यातायात नियमों को लेकर लोगों के बीच सघन जागरूकता अभियान चलाया जाए। इस अवधि में लोगों को अपनी गाड़ियों के कागजात अपडेट कराने का भी समय मिल जाएगा।