नई दिल्ली। चांद पर मौजूद विक्रम लैंडर से अबतक संपर्क नहीं हो पाया है पर भारत के चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर अपने मिशन में जुटा हुआ है। महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत के दूसरे मून मिशन का यह ऑर्बिटर चांद के हमेशा अंधेरे में रहने वाले यानी उन क्षेत्रों की तस्वीरें भेजेगा, जहां सूरज की रोशनी कभी नहीं पड़ती है। यह पूरी दुनिया के लिए नई जानकारी होगी। वैज्ञानिकों का कहना है कि एक दशक पहले भेजे गए भारत के पहले चंद्रयान से इसका प्रदर्शन बेहतर हो रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व चेयरमैन एएस किरण कुमार ने कहा, 'हम चंद्रयान-1 से कहीं ज्यादा बेहतर परिणामों की उम्मीद कर रहे हैं क्योंकि हम माइक्रोवेव ड्यूल-फ्रिक्वेंसी सेंसर्स की मदद से चांद के हमेशा अंधेरे में डूबे रहने वाले इलाके की भी मैपिंग कर सकेंगे।' उन्होंने कहा कि ऑर्बिटर में बड़े स्पेक्ट्रल रेंज के काफी दमदार कैमरे लगे हैं।