नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मुसलमानों में तीन तलाक की कुप्रथा को अपराध की श्रेणी में रखे जाने को चुनौती देने वाली एक नई याचिका पर केंद्र सरकार से आज जवाब तलब किया। न्यायमूर्ति एन वी रमन, न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ ने 'मुस्लिम एडवोकेट एसोसिएशन ऑफ तमिलनाडु' की याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया। न्यायालय ने इस याचिका को संबंधित अन्य याचिकाओं के साथ संबद्ध कर दिया। याचिकाकर्ता ने तीन तलाक को अपराध घोषित करने संबंधी मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी है। समस्त केरल जमीयतुल उलेमा, सईद फारूक और जमीयत उलमा - ए- हिन्द ने इस मसले को लेकर पहले ही शीर्ष अदालत का रुख किया हुआ है।