नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की उन दो याचिकाओं पर सुनवाई की जिनमें पांच सितंबर के केन्द्रीय जांच ब्यूरो के विशेष न्यायाधीश के जेल भेजने के आदेश को निरस्त करने की मांग की गयी है। दूसरी याचिका जमानत मंजूर किये जाने से संबंधित हैं। न्यायाधीश सुरेश कैत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि समान भोजन हर किसी को उपलब्ध है और इसके बाद सीबीआई को नोटिस जारी करते हुए जवाब देने को कहा है। उनकी याचिका में चिदंबरम को घर से बना खाना दिए जाने की अनुमति देने की बात कही गई थी। मामले की अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी।
बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि चिदंबरम के खिलाफ धारा 420 के तहत आरोप नहीं लगाए जा सकते क्योंकि इस मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है और इस मामले में जितनी त्वरित कार्रवाई की गई, वह दुर्भावना से प्रेरित है तथा इसे राजनीतिक बदले की भावना से किया गया है। सीबीआई केन्द्र सरकार के इशारे पर काम कर रही है जो याचिकाकर्ता की छवि को धूमिल करना चाहती है। इसके बाद उन्होंने अदालत से आग्रह किया कि चिदंबरम को घर का बना खाना दिए जाने की अनुमति दी जाए क्योंकि उनकी उम्र 74 वर्ष है। सरकारी वकील ने चिदंबरम की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इंडियन नेशनल लोक दल के नेता ओम प्रकाश चौटाला भी उम्रदराज हैं और राजनीतिक कैदी हैं तो ऐसे में हम किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं करना चाहते हैं।