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लैंडर विक्रम से संपर्क साधने के लिए नासा ने भेजा ‘हलो’ मैसेज

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 13 2019 1:00AM | Updated Date: Sep 13 2019 1:00AM
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नई दिल्ली। चांद की सतह से महज 2.1 किलोमीटर दूर राह भटके चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम से संपर्क की कोशिश जारी है। इंडियन स्पेस रिसर्च सेंटर (इसरो) चांद की सतह पर 'बेसुध' पड़े विक्रम से संपर्क करने की आखिरी कोशिश में लगा हुआ है। दूसरी तरफ अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने भी विक्रम से संपर्क साधने की कोशिश में 'हलो' मेसेज भेजा है। बता दें कि 7 सितंबर को लैंडर विक्रम हार्ड लैंडिंग के बाद चांद की सतह पर गिर गया था। नासा ने अपने डीप स्पेस नेटवर्क (डीएसएन) के जेट प्रपल्शन लैब्रटरी (जेपीएल) की प्रयोगशाला से विक्रम को एक रेडियो संदेश भेजा है। नासा के एक सूत्र ने बताया, 'हां, नासा इसरो से सहमति के बाद रेडियो संदेश के जरिए विक्रम से संपर्क करने की कोशिश कर रहा है।'
 
संपर्क की उम्मीदें हुईं कमजोर :- दिन बीतने के साथ लैंडर विक्रम से संपर्क होने की उम्मीदें कमजोर होती जा रही हैं। इसरो के प्री-लॉन्च अनुमान के मुताबिक, विक्रम को सिर्फ 14 दिन तक ही सीधी सूरज की रोशनी मिलेगी। इसरो इन 14 दिन तक अपनी कोशिश जारी रख सकता है। यदि इसरो को इस बात की जानकारी भी मिल जाए कि इसके कम्युनिकेशन इक्विपमेंट क्षतिग्रस्त हो चुके हैं तो 14 दिने से पहले भी संपर्क की कोशिश खत्म कर सकता है।

इसलिए नासा दिखा रहा रुचि :- नासा कई वजहों से भारत के मून मिशन में काफी रुचि दिखा रहा है। पहली वजह है विक्रम पर लगे पैसिव पेलोड लेजर रिफ्लेक्टर। इसके जरिए लैंडर की सटीक स्थिति का पता चल सकता है और यह धरती से चांद की दूरी का सटीक आकलन कर सकता है। दूरी के आकलन के बाद नासा को अपने भविष्य के मिशन को बेहतर करने में मदद मिल सकती है। लेकिन लैंडर विक्रम के चांद की सतह पर हार्ड लैंडिंग के बाद नासा की उम्मीदों को भी झटका लगा है।
 
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