नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के मौजूदा सत्र में आज जम्मू-कश्मीर को लेकर अपना-अपना पक्ष रखेंगे। सैंतालीस सदस्य देशों की मानवाधिकार परिषद के मुख्य सत्र के लिए भारत का उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल पहले से जेनेवा पहुंच चुका है। पर्यवेक्षकों के अनुसार, भारत, जम्मू- कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए हटाये जाने के मोदी सरकार के कदम के खिलाफ प्रस्ताव लाने के लिए पाकिस्तान की ओर से दबाव बनाये जाने के किसी भी प्रयास को विफल करने को लेकर मित्र देशों का सहयोग चाहेगा। यूएनएचआरसी में पिछले माह यह मुद्दा उठाने में पाकिस्तान को विफालता हाथ लगी थी।
सुरक्षा परिषद की अनौपचारिक बैठक में चीन को छोड़कर 14 सदस्य देशों ने जम्मू-कश्मीर को द्विपक्षीय मसला करार देते हुए कहा था कि इस मसले का निपटारा 1972 के शिमला समझौते और 1999 के लाहौर घोषणा पत्र की भावना के अनुरूप किया जाना चाहिए। यूएनएचआरसी में 13 अफ्रीकी राष्ट्र और एशिया प्रशांत क्षेत्र के इतने ही देश, आठ लैटिन अमेरिकी, सात पश्चिम यूरोपीय और छह पूर्वी यूरोपीय देश शामिल हैं।
जेनेवा में मौजूद भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) विजय ठाकुर सिंह कर रहे हैं। सूत्रों ने इस बात के संकेत दिये कि अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों की भांति यूएनएचआरसी में भी भारत इस पक्ष पर जोर देगा कि अनुच्छेद 370 को राज्य से हटाया जाना उसका विशुद्ध आंतरिक मामला है।